पार्षद देशरत्न कत्याल ने उठाई व्यापारियों की समस्या
बैठक में पार्षद देशरत्न कत्याल ने व्यापारियों की परेशानी को प्रमुखता से उठाया। उन्होंने बताया कि जब दुकानदारों ने नगर पालिका से दुकानें आवंटित कराई थीं, तब उनके किराये को लेकर एक करार हुआ था। इस दौरान उन्होंने प्रीमियम शुल्क भी अदा किया था और किराये की शर्तें तय की गई थीं। इस पर महापौर ने 1978 में हुए उस समय के एग्रीमेंट को पढ़कर सुनाया और आश्वासन दिया कि निगम इस एग्रीमेंट के अनुसार ही कार्रवाई करेगा।
सात दिनों में तय होगा नया किराया
महापौर विनोद अग्रवाल ने अधिकारियों को आदेश दिया कि वे इस एग्रीमेंट और किराये से जुड़े शासनादेशों की जांच करें। इसके लिए सात दिनों का समय निर्धारित किया गया है। इसी रिपोर्ट के आधार पर किराये की नई दरें तय की जाएंगी।
नामांतरण शुल्क और प्रीमियम को लेकर भी हुआ फैसला
महापौर ने स्पष्ट किया कि शिकमी और वारिसान दुकानदारों को नामांतरण शुल्क के साथ प्रीमियम भी अदा करना होगा। हालांकि, जिन दुकानदारों के पास वैध एग्रीमेंट मौजूद है, उन्हें प्रीमियम राशि नहीं देनी होगी और उनका किराया एग्रीमेंट के अनुसार तय किया जाएगा। वहीं, जिन दुकानदारों के पास कोई एग्रीमेंट नहीं होगा, उन्हें नई दरों के हिसाब से किराया चुकाना होगा, जिसकी घोषणा सात दिनों बाद की जाएगी। 31 मार्च तक करना होगा भुगतान
बैठक में मौजूद अधिकारियों ने कहा कि शिकमी और वारिसान दुकानदारों को 31 मार्च तक नोटिस के तहत अपनी राशि का भुगतान करना होगा। नगर निगम के इस फैसले से व्यापारियों को बड़ी राहत मिली है, जबकि नए किराये को लेकर अंतिम निर्णय अगले सात दिनों में लिया जाएगा।