यहां बता दें कि करह आश्रम पर सिय पिय मिलन समारो ही जिम्मेदार मुरैना जिला व ग्वालियर की सीमा से जुड़े गांवों को मिलाकर करीब 50 गांवों के पास भंडारे परोसने की जिम्मेदारी रहती है। चार- पांच गांव की एक समूह बनाकर अलग- अलग खीर, मालपुआ, सब्जी, खीर, बूंदी परोसने की जिम्मेदारी दी जाती है। भंडारा शुरू होने से पूर्व यहां ट्रॉलियों में खीर, बूंदी, सब्जी भरकर रख ली जाती है, उसी में कार्यकर्ता परोसते रहते हैं, उनको भरने के लिए अलग टीम लगी हुई हैं। महावीर दास महाराज, रामवीर दास ने बताया कि मंदिर परिसर पूरे सात दिन धार्मिक आयोजन चलते रहे। यहां म प्र के साथ राजस्थान, उप्र, दिल्ली और मुंबई सहित देशभर के श्रद्धालु समारोह के दौरान दर्शन लाभ लेने आते हैं।
- आश्रम पर चल रही अखंड रामधुन
करह आश्रम पर पिछले लंबे समय से अखंड रामधुन चल रही है। इसमें अंचल के हजारों श्रद्धालु शामिल होते है। पिछले दिन मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने भी रामधुन में हिस्सा लेकर आनंद उठाया। मंदिर पर दर्शन करने पहुंच रहे श्रद्धालु रामधुन में भी सहभागिता करते नजर आए। यह रामधुन उसी स्थान पर चल रही है जहां महाराज जी ने समाधि ली थी। - 500 से अधिक पुलिस अधिकारी व जवान रहे सुरक्षा में
करह धाम पर चल रहे सिय पिय मिलन समारोह में रोजाना करीब 300 जवान सुरक्षा में तैनात रहे लेकिन अंतिम दिन समारोह के समापन पर 500 से अधिक पुलिस अधिकारी व जवान तैनात रहे। इसमें एसडीओपी, टी आई के अलावा पुलिस अधीक्षक भी व्यवस्था देखने मेले में पहुंचे। - श्रद्धालुओं को परेशानी न हो इसलिए बनाई पार्किंग
मंदिर परिसर में पहुंच रहे श्रद्धालुओं को कोई परेशानी न हो इसलिए प्रशासन ने अलग अलग पार्किंग की व्यवस्था की गई। टेकरी की तरफ से पहुंच रहे चार पहिया वाहनों के लिए मंदिर से पहले ही सीतापुर इंडस्ट्रियल एरिया तिराहे पर पार्किग बनाई गई। दो पहिया वाहनों के लिए पुलिस चौकी के पीछे खुले मैदान में पार्किग बनाई गई। - सरयू के जल में सेके थे मालपुआ
मंदिर परिसर में बीचों बीच एक प्राचानी कुंआ हैं, उसे सरयू के नाम से जानते हैं। किबदंती हैं कि जब पटिया वाले बाबा मौजूद थे, उस समय भंडारे में घी कम पड़ गया था, महाराज ने इस सरयू के जल को कड़ाई में डाल दिया और उसमें मालपूआ सेके गए। बाद में महाराज ने उसनी ही टीन घी की सरयू में डलवाई जो उसमें मिलकर पानी हो गया। कहते हैं कि इसके जल का सेवन करने से कुत्ता काटने के जहर से भी मुक्ति मिलती है। - 05 लाख से अधिक लोगों ने पाई भंडारे में प्रसादी।
- 1000 क्विंटल से अधिक लगा आटा।
- 400 क्विंटल लगा गुड़।
- 400 क्विंटल लगा दूध।
- 3500 टीन लगा घी।
- 200 क्विंटल चावल।
- 100 क्विंटल बेसन।
- 200 क्विंटल शक्कर।
- 500 से अधिक पुलिस अधिकारी व जवान लगे सुरक्षा में।