मुरैना. श्री दिगम्बर बड़ा जैन में संत मुनि विलोकसागर महाराज ने श्री सिद्धचक्र विधान के सातवें दिन धर्मसभा को संबोधित करते हुए कहा कि इस संसार में करोड़ो की संख्या में प्राणी जीवन यापन करते है, हम देखते है कि कुछ व्यक्ति सुख का अनुभव करते हैं और कुछ व्यक्ति दुख का अनुभव करते है।
जैन मुनि ने कहा कि संसार में कुछ लोगों की प्रशंसा होती है, कुछ की आलोचना होती है, ऐसा क्यों होता है, इसका कारक कौन है। दोनों की अनुभूति अंतर क्यों है। हम सोचते है कि एक को दुखी और दूसरे को दुखी बनाने वाला कौन है। हमारे सुख और दुख का कारक कोई और नहीं बल्कि हम स्वयं हैं। इसका कारण हमारी अज्ञानता है। हमारी अज्ञानता ही हमारे सुख और दुख का कारण हैं। अज्ञानता के कारण हम भटक गए हैं, हमने अपने जीवन में एक खाई पैदा करली है। प्राणी मात्र के जीवन में जितनी भी समस्याएं हैं, अज्ञानता के कारण ही हैं। यही कारण है कि हमें जीवन जटिल लगता है और मौत सस्ती लगती है। जब तक आप अज्ञानता में पड़े रहोगे, अपने अंदर शैतान को बैठाए रहोगे, तब तक आप सुखी जीवन यापन नहीं कर सकोगे। अज्ञानी व्यक्ति सभी जगह निन्दा का पात्र बनता है और ज्ञानी व्यक्ति सभी जगह प्रशंसा का पात्र बनता है। रविवार को अंतिम दिन विधान का समापन होगा। प्रात:कालीन वेला में विश्व शांति महायज्ञ होगा। सभी इंद्र इंद्राणी एवं अन्य लोग विश्व शांति एवं कल्याण की भावना के साथ आहुति देगें। आहुति के पश्चात श्री जिनेंद्र प्रभु की भव्य शोभा यात्रा निकाली जाएगी। शोभा यात्रा के पश्चात श्री जिनेंद्र प्रभु को पाण्डुक शिला पर विराजमान कर कलशाभिषेक किए जाएंगे।
युगल मुनिराजों को टिकटोली कमेटी करेगी श्रीफल भेंट
बड़े जैन मंदिर मुरैना में विराजमान युगल मुनिराजों को अतिशय क्षेत्र टिकटोली आगमन हेतु टिकटोली क्षेत्र कमेटी श्रीफल भेंट करेंगी। टिकटोली अतिशय क्षेत्र कमेटी के अध्यक्ष राजेंद्र भंडारी, महामंत्री ओमप्रकाश जैन एवं जैन मित्र मंडल के मुख्य संयोजक सतेंद्र जैन के नेतृत्व में सभी साधर्मी बंधु, माता बहिनें युगल मुनिराजों को श्रीफल समर्पित कर टिकटोली आगमन हेतु निवेदन करेंगे।