सभी आठों आरोपियों को औपचारिकताएं पूरी करने के बाद निजी मुचलके पर रिहा किया गया। दो अन्य आरोपी लंबित मामलों के कारण अभी भी जेल में हैं, जबकि एक आरोपी पहले से ही पैरोल पर बाहर है। वहीँ, एक आरोपी की मौत हो चुकी है।
2015 में मुंबई की विशेष अदालत ने इस मामले में पांच आरोपियों को फांसी और सात को उम्रकैद की सजा सुनाई थी। लेकिन हाईकोर्ट ने हाल में फैसला सुनाते हुए पाया कि आरोपियों को सजा दिलाने के लिए पेश किए गए सबूत पर्याप्त और विश्वसनीय नहीं थे। साथ ही यह भी कहा गया कि आरोपी पहले ही 17 साल से अधिक समय जेल में काट चुके हैं। इस मामले की जांच में कई गंभीर खामियां थीं। अदालत के इस आदेश के बाद आठों आरोपियों को तय प्रक्रियाओं के तहत जेल से रिहा किया गया।
कई की जेलों से रिहाई, कुछ अब भी बंद
सोमवार को जिन आठ आरोपियों को रिहा किया गया, वे राज्य की पुणे, अमरावती, नागपुर और नासिक सेंट्रल जेलों में बंद थे। पुणे की येरवडा जेल से आसिफ बशीर खान को रिहा किया गया, लेकिन मोहम्मद फैसल रहमान शेख को अन्य लंबित मामलों के चलते रिहा नहीं किया गया। जबकि नासिक सेंट्रल जेल से मौत की सजा पाए आरोपी मोहम्मद फैसल शेख को देर शाम रिहा किया गया। रिहाई के बाद शेख ने कहा, “आखिरकार मुझे न्याय मिला। मैं खुश हूं।”
अमरावती जेल से तनवीर अहमद अंसारी, सुहैल महबूब शेख, जमीर अहमद और मोहम्मद साजिद रिहा हुए। सुहैल के भाई ने कहा, “हमें हमेशा न्यायपालिका पर भरोसा था, यह आदेश हमारे विश्वास को और मजबूत करता है। हम जहां भी जाते, हमें प्रताड़ित किया जाता। लोग हमें ताने मारते, कहते कि हम आतंकवादी हैं… हमें पूरा यकीन था कि आख़िरकार सच्चाई की ही जीत होगी।”
नागपुर जेल से एहतेशाम सिद्दीकी और मोहम्मद अली शेख रिहा किए गए। वहीं, नवीद हुसैन खान को दो लंबित मामलों के कारण जेल से नहीं छोड़ा गया है। वहीँ, इस केस के एक आरोपी कमाल अंसारी की 2021 में कोरोना वायरस की चपेट में आने से मौत हो गई थी।
सुप्रीम कोर्ट जाएगी सरकार
महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने 2006 के मुंबई लोकल ट्रेन बम विस्फोटों के सभी 12 आरोपियों को बरी किए जाने पर कहा, “बॉम्बे हाईकोर्ट द्वारा दिया गया फैसला हमारे लिए चौंकाने वाला है, हम इसे सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देंगे।” बता दें कि 11 जुलाई 2006 को मुंबई की सात लोकल ट्रेनों में हुए विस्फोटों में कम से कम 189 लोगों की मौत हुई थी और 800 से ज्यादा यात्री घायल हुए थे। यह घटना देश के सबसे भीषण आतंकी हमलों में से एक थी।