शुरू में तो काश्तकार सामान्य रहे, लेकिन नीलामी में जीरे के भाव बढ़े बढ़ने पर उत्साहित नजर आए। आवक भी तेज हुई है , सीजन की शुरुआत 5 से 6 हजार बोरी रोजना की आवक से शुरुआत हुई थी। लेकिन आवक 15 हजार बोरी तक जा पहुंची। एक ही दिन में करीब 50 करोड़ का जीरा मंडी पहुंचा।
अन्य जिंसों की भी आवक
मंडी में सरसों की तीन हजार, ईसबगोल की दो हजार एवं मूंग की तीन हजार बोरियों की आवक रही । व्यापारियों ने बताया कि हालांकि मूंग पुरानी है लेकिन काश्तकारों को पता है कि भाव अब ज्याद नहीं बढ़ेंगे। ऐसे में उपज पुरानी होगी तो खराब हो सकती है। इसलिए स्टॉक का मूंग किसान ला रहे हैं।
जीरे की बेहतर आवक हो रही है। सीजन की शुरुआत में तो चार से पांच हजार बोरियां ही आ रही थी, लेकिन अब आवक करीब पंद्रह हजार बोरियों तक बढ़ गई है। भाव भी अच्छे मिलने से काश्तकार उत्साहित हैं।
मूलचंद भाटी, अध्यक्ष, कृषि उपजमण्डी व्यापार मण्डल नागौर
मंडी में जीरे की एक से दूसरे सिरे तक ढेरियां नजर आ रही थी। हालांकि अन्य जिसों की आवक भी रही, लेकिन सोमवार को जीरे आवक ज्यादा रही। कृषि उपज मंडी के व्यापारी पवन भट्टड़ ने बताया कि नए सीजन में जीरे की बेहतर गुणवत्ता ने इसकी मांग बढ़ा दी है। काश्तकारों का कहना था कि इस बार जीरे की गुणवत्ता बहुत अच्छी है। भाव और बढ़ने की उम्मीद है। संखवास के काश्तकार सीताराम का कहना था कि चार माह बाद भाव बढ़े हैं। दो साल पहले भी जीरा 50-60 हजार प्रति क्विंटल पर चला गया था। मूण्डवा के किसान रूसी जाट ने बताया कि कभी भाव बढ़ गए तो अच्छा दाम मिल गया, लेकिन कई बार तो मेहनत करने के बाद भी भाव नहीं मिलते हैं। ऐसे में एमएसपी की तर्ज पर इसका भी निर्धारण होना चाहिए।