भूकंप के झटके इतने तेज थे कि उत्तर भारत के कई हिस्सों, विशेष रूप से उत्तर प्रदेश और बिहार के सीमावर्ती इलाकों में लोग नींद से जाग उठे। कई लोग डर के मारे अपने घरों से बाहर निकल आए। सोशल मीडिया पर भी लोगों ने अपने अनुभव साझा किए, जहां कुछ ने हल्के झटकों की बात कही, तो कुछ ने इसे डरावना बताया। हालांकि, राहत की बात यह रही कि इस भूकंप से अभी तक किसी भी तरह के जान-माल के नुकसान की कोई खबर सामने नहीं आई है।
एनसीएस ने तुरंत इस घटना की जानकारी साझा करते हुए बताया कि भूकंप का केंद्र तिब्बत में था, और इसकी तीव्रता मध्यम से उच्च श्रेणी की थी। विशेषज्ञों का कहना है कि हिमालयी क्षेत्र भूकंपीय दृष्टिकोण से अत्यंत संवेदनशील है, और इस तरह की घटनाएं समय-समय पर होती रहती हैं। एनसीएस ने यह भी स्पष्ट किया कि वे क्षेत्र में भूगर्भीय हलचलों पर लगातार नजर रखे हुए हैं, ताकि किसी भी संभावित खतरे का आकलन समय रहते किया जा सके।