पंजाब में होला मोहल्ला
पंजाब में होली का त्योहार बड़े धूम धाम से मनाया जाता है। बता दें कि पंजाब में होली का त्योहार होला मोहल्ला के नाम से प्रसिद्ध है। ये त्यौहार श्री आनंदपुर साहिब में तीन दिनों तक मनाया जाता है। इस त्योहार के दौरान आनंदपुर साहिब में म्यूजिक और कविता प्रतियोगिता करवाई जाती है।
पश्चिम बंगाल में डोल जात्रा
पश्चिम बंगाल में होली को “डोल जात्रा” या “डोल पूर्णिमा” के रूप में मनाया जाता है। यहाँ राधा-कृष्ण की मूर्तियों को झूले पर सजाया जाता है, और अबीर-गुलाल से होली खेली जाती है। शांतिनिकेतन में विश्व भारती विश्वविद्यालय में बसंत उत्सव का आयोजन होता है, जिसमें छात्र-छात्राएँ सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत करते हैं। यहाँ होली का माहौल शांत और सांस्कृतिक होता है।
गोवा का शिगमो
शिगमो एक कार्निवल फेस्टिवल है, जहां गोवा के लोग सड़कों पर पारंपरिक संगीत और रंगों के साथ डांस करते हैं। गोवा के कार्निवल फेस्टिव में हिस्सा लेने के लिए लोग दूर-दूर से आते हैं।
हरियाणा की धुलंडी होली
हरियाणा के कई ग्रामीण इलाकों में धुलंडी होली मनाई जाती है। इसे भाभी-देवर की होली भी कहा जाता है। शादीशुदा महिलाओं को अपने देवरों को छेड़ने और उन्हें परेशान करने का अवसर मिलता है। यह हंसी-मजाक और प्रेम का त्योहार होता है, जिसमें गुलाल और रंगों का प्रयोग किया जाता है।
बिहार का फगुआ या फाल्गुन
बिहार में होली को “फगुआ” या “फाल्गुन” के नाम से जाना जाता है। यहाँ होली से पहले लोक गीत जैसे “जोगीरा” और “फगुआ गीत” गाए जाते हैं। होलिका दहन के बाद रंगों और अबीर से होली खेली जाती है। भांग और ठंडाई का सेवन भी प्रचलित है। यहाँ होली परिवार और दोस्तों के साथ मिलकर मनाने का त्योहार है।
गुजरात में दहुरी
गुजरात में होली को “दहुरी” या “धुलेटी” के नाम से जाना जाता है। होलिका दहन के बाद अगले दिन रंगों और पानी से होली खेली जाती है। यहाँ गरबा और डांडिया जैसे पारंपरिक नृत्य भी आयोजित किए जाते हैं। मंदिरों में विशेष पूजा होती है, और लोग एक-दूसरे के घर जाकर होली की बधाई देते हैं।
महाराष्ट्र में रंगपंचमी
महाराष्ट्र में होली को “शिमगा” या “रंगपंचमी” के नाम से मनाया जाता है। होली के पांचवें दिन रंगपंचमी मनाई जाती है, जिसमें रंगों से होली खेली जाती है। यहाँ होली का माहौल उत्साहपूर्ण होता है, और लोग पानी के गुब्बारों और रंगों से एक-दूसरे को रंगते हैं। ग्रामीण इलाकों में यह त्योहार “शिमगा” के रूप में अधिक पारंपरिक तरीके से मनाया जाता है।
असम का देहान
असम में होली को “फाकुआ” या “देहान” के नाम से जाना जाता है। यहाँ होली को कृष्ण और राधा के प्रेम के प्रतीक के रूप में मनाया जाता है। लोग रंगों और अबीर से होली खेलते हैं, और पारंपरिक असमिया गीत गाए जाते हैं। यहाँ होली का माहौल शांत और परिवार-केंद्रित होता है।
दक्षिण भारत
दक्षिण भारत में होली का उत्साह उत्तर भारत जितना व्यापक नहीं है, लेकिन कुछ समुदाय इसे मनाते हैं। तमिलनाडु में “कामन पंडिगई” के रूप में मनाया जाता है, जो कामदेव की कथा से जुड़ा है। कर्नाटक के बेंगलुरु और मैसूर में होली रंगों और संगीत के साथ मनाई जाती है। आंध्र प्रदेश के हैदराबाद और अन्य शहरों में होली का उत्साह देखने को मिलता है। लेकिन केरल में होली का प्रभाव कम है, कुछ मंदिरों में विशेष पूजा होती है।
हिमाचल प्रदेश में फागली
कुल्लू और मनाली में होली को “फागली” के नाम से मनाया जाता है। यहाँ लोक नृत्य और गीतों का आयोजन होता है। होली का हर राज्य में एक अलग रंग और रूप देखने को मिलता है। उत्तर भारत में यह रंगों और उत्साह का त्योहार है, जबकि दक्षिण भारत में इसका प्रभाव कम है। पूर्वी भारत में यह सांस्कृतिक और धार्मिक रूप में मनाया जाता है, और पश्चिमी भारत में यह लोक नृत्य और संगीत के साथ जुड़ा है। यह त्योहार भारत की सांस्कृतिक विविधता और एकता का प्रतीक है। इस प्रकार, भारत के हर कोने में होली का त्योहार अपने अनोखे अंदाज में मनाया जाता है।