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Hyperloop Project: दिल्ली से जयपुर अब सिर्फ 30 मिनट में! भारत का पहला हाइपरलूप टेस्ट ट्रैक तैयार

Hyperloop Project: हाइपरलूप की विशेषता यह होगी कि यह मौसम के प्रति प्रतिरोधी होगा, हाइपरलूप ट्रैक एक्सीडेंट फ्री होगा। इसकी स्पीड विमान की गति से दोगुनी होगी।

भारतFeb 25, 2025 / 06:36 pm

Akash Sharma

Ashwini Vaishnaw On Hyperloop Project

केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने हाइपरलूप प्रोजेक्ट के बारे में जानकारी दी

Hyperloop Test Track: IIT मद्रास ने रेल मंत्रालय के सहयोग से 422 मीटर लंबा भारत का पहला हाइपरलूप टेस्ट ट्रैक तैयार किया है। इस ट्रैक से 350 किलोमीटर की दूरी सिर्फ़ 30 मिनट में तय की जा सकेगी। इसका मतलब है कि अगर यह ट्रैक हकीकत बन गया तो आप दिल्ली से जयपुर तक लगभग 300 किलोमीटर की दूरी आधे घंटे से भी कम समय में तय कर सकेंगे। केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने X (पूर्व में Twiter) पर खबर शेयर करते हुए लिखा, “सरकार के सहयोग से परिवहन में नवाचार को बढ़ावा मिल रहा है।”

IIT मद्रास कर रहा निर्माण

रेल मंत्रालय की ओर से वित्तपोषित इस परियोजना का निर्माण आईआईटी मद्रास (IIT Madras) परिसर में किया गया था। उत्साहित अश्विनी वैष्णव ने बताया, “422 मीटर का पहला पॉड टेक्नोलॉजीज के विकास में एक लंबा रास्ता तय करेगा। मुझे लगता है कि अब समय आ गया है जब एक-एक मिलियन डॉलर के पहले दो अनुदानों (Gratns) के बाद, एक मिलियन डॉलर का तीसरा अनुदान IIT मद्रास को हाइपरलूप परियोजना को आगे बढ़ाने के लिए दिया जाएगा।” रेलवे जल्द ही पहली वाणिज्यिक परियोजना शुरू करने की योजना बना रहा है।

हाइपरलूप ट्रैक क्या है?

‘पांचवें परिवहन मोड’ के रूप में हाइपरलूप लंबी दूरी की यात्रा के लिए एक हाई स्पीड ट्रास्पोर्ट सिस्टम है। यह वैक्यूम ट्यूबों में स्पेशल कैप्सूल के माध्यम से ट्रेनों की स्पीड को बहुत तेज करता है। एक प्रेस रिलीज में बताया, “हाइपरलूप में एक निर्वात ट्यूब के भीतर विद्युत चुंबकीय रूप से उत्तोलित होने वाला पॉड शामिल है, जो घर्षण और वायु प्रतिरोध को समाप्त करता है तथा पॉड को मैक 1.0 तक की गति तक पहुंचने की अनुमति देता है।” एक दिन में एक मैक की स्पीड समुद्र तल पर लगभग 761 मील प्रति घंटा होती है।

हाइपरलूप की विशेषता

हाइपरलूप की विशेषता के बारे में बताया, “हाइपरलूप की विशेषता यह होगी कि यह मौसम के प्रति प्रतिरोधी होगा। हाइपरलूप में एक्सीडेंट नहीं होगा। हाइपरलूप विमान की गति से दोगुनी सपीड से चलेगा, इसमें बिजली की खपत कम होगी और 24 घंटे परिचालन के लिए ऊर्जा भंडारण की सुविधा होगी।”

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