इसी बीच पहले भारत-पाक तनाव से पल्ला झाड़ने में लगे अमरीका ने पाकिस्तान को धमकाया। अमरीकी विदेश मंत्री मार्को रूबियो ने पहले भारतीय विदेश मंत्री एस. जयशंकर से बात की। फिर पाकिस्तान के कमजोर सियासी नेतृत्व को भांपते हुए पहले वहां के सेनाध्ययक्ष जनरल असीम मुनीर को चेतावनी देने के बाद विदेश मंत्री इशाक डार को लाइन पर लिया। इस पर झुके पाकिस्तान के डीजीएमओ की भारतीय समकक्ष को फोन करने की बात सामने आ गई। यहीं से संकेत मिलने लगे थे कि युद्ध विराम की स्थिति बन सकती है।
सूत्रों का कहना है कि हालांकि डीजीएमओ के पहले कॉल को गम्भीरता से नहीं लिया गया, लेकिन बाद में पाकिस्तान के सियासी नेतृत्व सक्रिय हुआ और विदेश मंत्री इशाक डार ने एक टीवी इंटरव्यू में कहा कि भारत रुके तो वे भी हमले रोक देंगे। रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने परमाणु कमांड कमेटी की बैठक नहीं होने की बात कही। इसके बाद पाकिस्तान की ओर संकेत मिला कि वह सीजफायर की पेशकश कर सकता है।
आखिर, पाक डीजीएमओ ने दोपहर करीब साढ़े तीन बजे फिर भारतीय डीजीएमओ से बातचीत की और शाम 5 बजे से दोनों ओर से सीजफायर की सहमति हो गई। सूत्रों का कहना है कि भारत ने अमरीका को साफ कह दिया था कि आतंक के संरक्षण के मामले में कोई समझौता नहीं किया जाएगा। यदि पाक समर्थित आतंकी हमला हुआ तो भारत इसे युद्ध मानकर कार्रवाई करेगा। बताया जाता है कि अमरीकी विदेश मंत्री रूबियो ने पाकिस्तान के सैन्य और राजनीतिक नेतृत्व को ढंग से यह बात समझा दी। इसके बाद अमरीकी राष्ट्रपति डॉनाल्ड ट्रम्प ने ही सोशल मीडिया पर सीजफायर की सूचना दी। हालांकि तीन घंटे बाद पाकिस्तान ने सीजफायर तोड़ दिया।