’43 लाख रुपये दिए …’: अमेरिका से निकाले गए भारतीयों ने बताया कि ट्रैवल एजेंटों ने कैसे ठगा
बेहतर जीवन और करियर की तलाश में अमेरिका गए इन निर्वासितों में से अधिकांश ने कहा कि उनसे सुगम यात्रा का वादा किया गया था, लेकिन इसके बजाय उन्हें कानूनी पचड़ों में फंसना पड़ा, महीनों तक कठिनाई, भूख और शोषण सहना पड़ा।
भारतीय प्रवासियों को हाल ही में संयुक्त राज्य अमेरिका की ओर से भारत वापस भेजा गया है। भारतीय प्रवासियों ने अपने दिल दहला देने वाले शेयर किए हैं। उन्होंने बताया कि कैसे उन्हें बेईमान ट्रैवल एजेंटों की ओर से ठगा गया। उन्होंने अमेरिका पहुंचने की उम्मीद में ट्रैवल एजेंटों को लाखों रुपये दिए। बेहतर जीवन और करियर की तलाश में अमेरिका गए इन निर्वासितों में से अधिकांश ने कहा कि उनसे सुगम यात्रा का वादा किया गया था, लेकिन इसके बजाय उन्हें कानूनी पचड़ों में फंसना पड़ा, महीनों तक कठिनाई, भूख और शोषण सहना पड़ा।
’43 लाख रुपये दिए , सीमा गश्ती दल ने किया गिरफ्तार’
अमेरिका की ओर से भारत वापस भेजे गए रॉबिन हांडा ने बताया कि उनकी फैमिली ने एक ट्रैवल एजेंट को 43 लाख रुपए का पेमेंट किया था। रॉबिन हांडा ने कहा, “मुझे आश्वासन दिया गया था कि मैं एक महीने के भीतर अमेरिका पहुंच जाऊंगा, लेकिन यह झूठ निकला।” अगले छह महीनों में हरियाणा के कुरुक्षेत्र के इस्माइलाबाद के 27 वर्षीय कंप्यूटर इंजीनियर ने कई देशों की यात्रा की और कई समुद्र पार किए इसके अलावा कई बार कई दिनों तक भूखे भी रहे। इतनी परेशानी के बाद जब वह अमेरिकी सीमा पर पहुंचे तो उसे सीमा गश्ती दल ने उन्हें गिरफ्तार कर लिया। बता दें कि रॉबिन उन 104 अवैध भारतीय प्रवासियों में शामिल थे, जिन्हें बुधवार को अमेरिकी अधिकारियों ने निर्वासित कर दिया था। वापसी के बाद से कई लोगों ने बेईमान ट्रैवल एजेंटों की ओर से धोखाधड़ी किए जाने की कहानियां शेयर की हैं।
ब्राजील, कोलंबिया, पनामा होते हुए पहुंचे अमेरिका
पंजाब के होशियारपुर जिले के रहने वाले हरविंदर ने बताया कि उन्होंने एक ट्रैवल एजेंट को 42 लाख रुपए दिए। इसने उन्हें अमेरिका तक आसानी से पहुंचाने का वादा किया था। हालांकि, उनकी यात्रा बिल्कुल भी आसान नहीं रही। हरविंदर ने कहा, “मुझे ब्राजील ले जाया गया और वहां से मुझे इक्वाडोर, कोलंबिया और पनामा होते हुए सड़क मार्ग से यात्रा करने के लिए मजबूर किया गया। पनामा में मुझे भारत में ट्रैवल एजेंट को शेष राशि का भुगतान करने के लिए मजबूर किया गया, क्योंकि मैंने पहले इसकी केवल एक ही किस्त चुकाई थी।”
‘मेरा सपना टूट गया… जिंदगी बर्बाद हो गई’
पंजाब के जगतार सिंह की कहानी भी कुछ ऐसी ही है। जगतार सिंह अमेरिका स्थित भाई के पास जाना चाहते थे, लेकिन उनका दावा है कि उन्हें भी एक ट्रैवल एजेंट ने धोखा दिया। उन्होंने कहा, “मैं 11 जनवरी को दिल्ली से माल्टा के लिए उड़ान पर चढ़ा। इसके बाद मुझे ‘डंकी रूट’ के जरिए स्पेन और मैक्सिको ले जाया गया। मैं 24 जनवरी को अमेरिका पहुंचा और अमेरिकी सीमा गश्ती दल ने मुझे पकड़ लिया।’ जगतार सिंह ने बताया कि निर्वासित किए जाने से पहले उन्हें 11 दिनों तक हिरासत केन्द्र में रखा गया था। अपनी पत्नी, दो बेटियों और मां के साथ रहने वाले सिंह ने कहा, “बेहतर जीवन बनाने का मेरा सपना टूट गया है और मेरी जिंदगी बर्बाद हो गई है।”
पुलिस ट्रैवल एजेंटों की कर रही तलाश
पुलिस ने कहा कि ‘डंकी रूट’ के माध्यम से युवाओं को अमेरिका भेजने वाले एजेंटों के बारे में जानकारी जुटाने के प्रयास किए जा रहे हैं।’डंकी रूट’ अमेरिका में प्रवेश करने के लिए प्रवासियों की ओर से इस्तेमाल किया जाने वाला एक अवैध और जोखिम भरा मार्ग है। कुरुक्षेत्र के पुलिस अधीक्षक वरुण सिंगला ने PTI को बताया कि पुलिस ने एजेंटों के बारे में जानकारी हासिल करने के लिए निर्वासित युवकों और उनके परिवारों से संपर्क किया।