खड़गे ने एक्स पर एक पोस्ट में सरकारी आंकड़ों का हवाला दिया, जो राज्यसभा के जवाबों और बजट दस्तावेजों से लिए गए हैं। उन्होंने दावा किया कि पिछले एक दशक में स्कॉलरशिप लाभार्थियों की संख्या में कमी आई है और इन कार्यक्रमों के लिए आवंटित धन में औसतन 25 प्रतिशत की सालाना कटौती की गई है।
लाभार्थियों की संख्या में भारी कटौती
उन्होंने एक्स पर लिखा, “आपकी सरकार ने देश के SC, ST, OBC और अल्पसंख्यक युवाओं की स्कॉलरशिप छीन ली है। ये शर्मनाक सरकारी आंकड़े दिखाते हैं कि मोदी सरकार ने न केवल सभी स्कॉलरशिप्स के लाभार्थियों की संख्या में भारी कटौती की है, बल्कि हर साल औसतन 25 प्रतिशत कम धन भी खर्च किया है।” कांग्रेस अध्यक्ष ने सवाल उठाया कि अगर कमजोर वर्गों के छात्रों को उचित समर्थन नहीं मिलेगा तो देश में युवाओं के लिए नौकरियां कैसे पैदा होंगी। उन्होंने बीजेपी के नारे ‘सबका साथ, सबका विकास’ की आलोचना करते हुए इसे महज एक खोखला दावा बताया, जो “कमजोर वर्गों की आकांक्षाओं का हर दिन मजाक उड़ाता है।” खड़गे ने लिखा, “जब तक देश के कमजोर वर्गों के छात्रों को अवसर नहीं मिलेंगे और उनकी प्रतिभा को प्रोत्साहन नहीं दिया जाएगा, हम अपने युवाओं के लिए नौकरियां कैसे पैदा कर पाएंगे? आपका ‘सबका साथ, सबका विकास’ का नारा हर दिन कमजोर वर्गों की उम्मीदों का उपहास करता है।”
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इससे पहले, कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने भी बीजेपी और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) पर निशाना साधते हुए कहा था कि दोनों संविधान के खिलाफ हैं। उन्होंने कहा, “भारत में विचारधारा की लड़ाई चल रही है। एक तरफ कांग्रेस पार्टी संविधान में विश्वास करती है और इसके लिए लड़ रही है। दूसरी तरफ, आरएसएस और बीजेपी, जो भारतीय संविधान, बीआर आंबेडकर और महात्मा गांधी के संविधान के खिलाफ हैं, इसे कमजोर करते हैं और खत्म करना चाहते हैं। भारतीय संविधान सिर्फ एक किताब नहीं, बल्कि भारत के हजारों साल पुराने विचारों का प्रतीक है। इसमें भारत के महान व्यक्तित्वों की आवाज और सोच समाहित है।”