चेन्नई स्थित एक कंपनी की ओर से बनाए गए पूरी तरह स्वदेशी एक माइक्रो-श्रेणी के निगरानी ड्रोन को भारतीय सेना से मंजूरी मिल गई है। यह कदम भारत की रक्षा प्रौद्योगिकी के मजबूत तंत्र बनाने और अन्य आयात पर निर्भरता कम करेगा। कंपनी ने इस ड्रोन को ‘अजीत’ नाम दिया है। छोटे आकार का यह मिनी ड्रोन एक कॉम्पैक्ट टैक्टिकल मानव रहित हवाई वाहन (यूएवी) है जिसे टोही मिशनों के लिए डिजाइन किया गया है। इस सप्ताह की शुरुआत में ज्यादा ऊंचाई वाले इलाकों में काम करने वाली एक पर्वतीय ब्रिगेड ने इसका फील्ड ट्रायल किया। इसके बाद सेना के मानदंडों व परीक्षणों में खरा उतरने पर इसे मंजूरी दी गई।
चेन्नई स्थित फर्म जुप्पा जियो नेविगेशन टेक्नोलॉजीज ने अपने अजीत मिनी ड्रोन के लिए फील्ड-लेवल वैलिडेशन हासिल कर लिया है। यह एक कॉम्पैक्ट टैक्टिकल मानव रहित हवाई वाहन (यूएवी) है जिसे टोही मिशनों के लिए डिजाइन किया गया है। इस सप्ताह की शुरुआत में ज्यादा ऊंचाई वाले इलाकों में काम करने वाली एक पर्वतीय ब्रिगेड ने इसका फील्ड ट्रायल किया। इसके बाद सेना का यह समर्थन मिला जहां ड्रोन ने प्रमुख प्रदर्शन मापदंडों को पूरा किया।
पूरी तरह स्वदेशी
सेना के वैलिडेशन को एक महत्वपूर्ण पहला कदम माना जाता है जो जुप्पा को आगे के परीक्षणों तक पहुंच प्रदान करता है। अजीत मिनी को जुप्पा के स्वामित्व वाले पेटेंट ऑटोपायलट सिस्टम के इर्द-गिर्द बनाया गया है और इसमें घरेलू स्तर पर विकसित साइबर-फिजिकल स्टैक है जिसमें इन-हाउस फ़र्मवेयर, कमांड प्रोटोकॉल और ग्राउंड कंट्रोल सॉफ्टवेयर शामिल हैं। कंपनी के संस्थापक साई पट्टाभिराम ने कहा हमने पूरा खुद ही विकसित किया है जिसमें हार्डवेयर, सॉफ्टवेयर, संरचनात्मक घटक और नियंत्रण प्रणाली शामिल हैं। पट्टाभिराम ने कहा कि यह ड्रोन जोखिमों के बिना प्रतिकूल सीमाओं पर सघन मिशनों में हिस्सेदारी निभा सकता है।
ड्रोन की घरेलू मांग बढ़ी
विश्लेषकों का कहना है कि रक्षा, कृषि और रसद में ड्रोन की घरेलू मांग वैश्विक रूप से प्रतिस्पर्धी नवाचार के रूप में व्यावसायिक वातावरण बना सकती है, बशर्ते नीति समर्थन और खरीद पाइपलाइन मजबूत बनी रहे। पट्टाभिराम ने कहा ड्रोन निर्माण अलग-अलग समूहों में विकसित होगा जो घरेलू मात्रा से प्रेरित होगा।
वायुसेना ने कहा कि ऑपरेशन सिंदूर के तहत सौंपे गए सभी काम सटीकता और जिम्मेदारी के साथ सफलतापूर्वक पूरे किए गए हैं। यह अभियान सोच-समझकर और सावधानी से चलाया गया, जो देश के हितों के अनुसार था। यह अभियान अभी जारी है। लोग अफवाह न फैलाएं और इससे बच कर रहें।
भारत-पाक की सीमा से सटे करीब 32 हवाई अड्डे अभी बंद रही रहेंगे। सुरक्षा कारणों से इन्हें बंद किया गया था। वहीं दिल्ली के हवाई अड्डों पर विमानों का परिचालन सामान्य रूप से जारी है। हालांकि, हवाई क्षेत्र के बदलते परिदृश्य और सुरक्षा बढ़ाने के कारण कुछ उड़ानें प्रभावित हो सकती हैं। सीजफायर की घोषणा के बाद उत्तर पश्चिम रेलवे ने राजस्थान में 27 ट्रेनों की सेवाएं फिर से शुरू की है। जो पहले सुरक्षा कारणों से स्थगित या आंशिक बंद की गई थी। जबकि अन्य जगह भी ट्रेनों का संचालन सुचारू किया जा रहा है।