तमिलनाडु में लोगों ने भाषा के लिए अपनी जान दी है- डिप्टी CM
तमिलनाडु के उपमुख्यमंत्री उदयनिधि स्टालिन ने जोर देकर कहा, “तमिलनाडु हमेशा तीन भाषा नीति के खिलाफ रहा है। हमने स्पष्ट रूप से कहा है कि हम इसे कभी स्वीकार नहीं करेंगे,” डिप्टी CM ने यह भी बताया कि तमिलनाडु जैसे राज्य में लोगों ने भाषा के लिए अपनी जान दी है। उदयनिधि स्टालिन ने कहा, ‘इसमें राजनीति करने की क्या बात है? मुझे समझ में नहीं आता। तमिलनाडु वह राज्य है, जिसमें भाषा के अधिकार के लिए कई लोगों ने अपनी जान दी है। आप समझ सकते हैं कि कौन राजनीति कर रहा है।’
NEP तमिलनाडु में हिंदी थोप नहीं रही- धर्मेंद्र प्रधान
2026 के चुनावों से पहले, भाषा नीति और तमिलनाडु को धन आवंटित करने पर बहस के साथ DMK और भाजपा के बीच खींचतान तेज होती जा रही है। इससे पहले आज केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन की ओर से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को लिखे गए पत्र की कड़ी आलोचना की, जिसमें उन पर राजनीतिक उद्देश्यों से प्रेरित “काल्पनिक चिंताओं” को उठाने का आरोप लगाया। एक प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए धर्मेंद्र प्रधान ने जोर देकर कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP) 2020 किसी राज्य पर कोई भाषा नहीं थोप रही है। धर्मेंद्र प्रधान ने कहा, “मैं एक बात पर फिर से जोर देना चाहता हूं कि NEP किसी राज्य के संबंधित छात्रों पर कोई भाषा थोपने की सिफारिश नहीं कर रही है। इसका मतलब है कि NEP किसी भी तरह से तमिलनाडु में हिंदी थोपने की सिफारिश नहीं कर रही है। राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) 2020 का प्राथमिक सार शिक्षा में वैश्विक मानक लाना है और साथ ही, इसे भारत में निहित होना चाहिए।’
कई गैर-भाजपा राज्य भी NEP को लागू कर रहे हैं- धर्मेंद्र प्रधान
धर्मेंद्र प्रधान ने कहा, “तमिलनाडु जैसे राज्यों की भाषाई और सांस्कृतिक विरासत को बढ़ावा देना है। भारत सरकार सभी प्रवेश परीक्षाएँ सभी प्रमुख 13 भाषाओं में आयोजित कर रही है और उनमें से एक तमिल भी है। प्रधानमंत्री मोदी ने वैश्विक स्तर पर तमिल विचारों को बढ़ावा देने के लिए सिंगापुर में भारत के पहले तिरुवल्लूर सांस्कृतिक केंद्र की घोषणा की। यह हमारी प्रतिबद्धता है। 1968 से, लगातार सरकारों ने शिक्षा क्षेत्र में एक भाषा सूत्र लागू किया है। NEP 2020 को लागू न करके, हम छात्रों, शिक्षकों और अभिभावकों को वैश्विक अवसर से वंचित कर रहे हैं। शिक्षा का राजनीतिकरण नहीं किया जाना चाहिए। यहां तक कि कई गैर-भाजपा राज्य भी NEP को लागू कर रहे हैं। वे केंद्र से पूरा सहयोग ले रहे हैं,”