पुलिस के अनुसार, छात्रा ने चित्रकोंडा क्षेत्र के एक स्कूल में परीक्षा दी और उसके बाद छात्रावास लौटने पर उसे प्रसव पीड़ा शुरू हुई। उसे तुरंत चित्रकोंडा के उप-मंडलीय अस्पताल ले जाया गया और फिर मलकानगिरी जिला मुख्यालय अस्पताल में स्थानांतरित कर दिया गया। अस्पताल के अधिकारियों ने बताया कि मां और नवजात दोनों की हालत स्थिर है।
स्कूल प्रशासन को नहीं पता, छात्रा कैसे हुई गर्भवती
स्कूल के प्रधानाध्यापक ने हैरानी जताते हुए कहा कि छात्रावास में पुरुषों का प्रवेश पूरी तरह प्रतिबंधित है, फिर भी उन्हें नहीं पता कि छात्रा गर्भवती कैसे हुई। उन्होंने यह भी बताया कि स्वास्थ्य कर्मियों को हर हफ्ते छात्राओं की जांच करनी होती है, लेकिन इस मामले में ऐसा प्रतीत होता है कि यह जिम्मेदारी ठीक से निभाई नहीं गई। इस बयान से सवाल उठता है कि आखिर इतनी बड़ी चूक कैसे हो गई।
माता-पिता ने स्कूल प्रशासन पर लगाया आरोप
छात्रा के माता-पिता ने स्कूल प्रशासन से सवाल किया कि उनकी बेटी के गर्भवती होने की बात प्रसव तक कैसे छिपी रही। जवाब में जिला कल्याण अधिकारी श्रीनिवास आचार्य ने संभावना जताई कि छात्रा छुट्टियों के दौरान घर गई होगी और वहीं यह घटना हुई होगी। हालांकि, यह केवल एक अनुमान है और सच्चाई सामने लाने के लिए विभागीय जांच शुरू कर दी गई है। पुलिस ने भी कार्रवाई करते हुए एक संदिग्ध व्यक्ति को हिरासत में लिया है, जिस पर छात्रा को गर्भवती करने का आरोप है। इसके अलावा, एक अन्य चौंकाने वाली घटना का जिक्र भी सामने आया है, जिसमें स्कूल में छात्रा द्वारा टॉयलेट का फ्लश दबाने पर जोरदार धमाका हुआ। इस घटना ने शिक्षकों और छात्रों में हड़कंप मचा दिया, हालांकि इसका छात्रा के प्रसव से कोई सीधा संबंध नहीं है। फिर भी, यह स्कूल परिसर में सुरक्षा और रखरखाव को लेकर सवाल उठाता है।