भाजपा दिल्ली प्रदेश अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा ने लगाया आरोप
वीरेंद्र सचदेवा ने आरोप लगाया कि दिल्ली की विधवा पेंशन योजना की शुरुआती जांच में 83 हजार पंजीकृत महिलाएं या तो फर्जी मिलीं या फिर संदिग्ध। इतना ही नहीं, 60 हजार बेसहारा महिलाओं के नाम पर यह भारी गड़बड़ी की गई। इसके अलावा 22,795 अन्य मामलों में भी घोटाले की आशंका है। सचदेवा ने सवाल उठाते हुए कहा “हर साल 200 करोड़ रुपये आखिर गए कहां? मंत्री, विधायक, पार्टी कार्यकर्ता या आम आदमी पार्टी के चुनावी फंड में?”उन्होंने यह भी याद दिलाया कि पिछले साल भाजपा ने इस अनियमितता को लेकर चिंता जताई थी और पार्टी कार्यालय के सामने विरोध प्रदर्शन किया था। इसके बाद अक्टूबर 2024 में एक जांच शुरू भी हुई, लेकिन केजरीवाल सरकार ने उस प्रक्रिया को बीच में रोक दिया।
भाजपा सांसद मनोज तिवारी ने क्या कहा?
दिल्ली में विधवा पेंशन योजना में भारी घोटाला सामने आने पर सियासी पारा चढ़ गया है। मंगलवार को विधवा पेंशन योजना में AAP पर भ्रष्टाचार के आरोपों पर भाजपा सांसद मनोज तिवारी ने कहा, “जहां जहां हम हाथ रख रहे हैं वहां वहां दिल्ली की पिछली सरकारों के भ्रष्टाचारों का जिन्न निकल रहा है। ये भाजपा के कहने से नहीं जांच समितियों के आधार पर पता चलेगा कि पिछली सरकारों ने सिर्फ भ्रष्टाचार का खेल खेला है।”
आप बोली- भाजपा कल्याणकारी योजनाओं को कर रही है बंद
भाजपा के आरोपों पर प्रतिक्रिया देते हुए आम आदमी पार्टी ने एक आधिकारिक बयान जारी कर कहा कि भाजपा लोगों को मिलने वाली कल्याणकारी योजनाओं को बंद करने पर तुली हुई है। आप ने आरोप लगाया, “हमने पहले ही चेताया था कि भाजपा सरकार में आते ही मोहल्ला क्लीनिक, दुर्घटना पीड़ितों के मुफ्त इलाज, और मुफ्त जांच जैसी योजनाएं बंद हो जाएंगी। अब वही हो रहा है।” पार्टी ने दावा किया कि भाजपा ने मनगढ़ंत घोटालों के नाम पर जनता के लिए शुरू की गई योजनाओं को बंद करना शुरू कर दिया है। बिजली दरें बढ़ा दी गई हैं और मुफ्त बिजली योजना भी बंद करने की साजिश की जा रही है।
आतिशी ने पुराने वाहनों पर प्रतिबंध को लेकर साधा निशाना
भाजपा के विधवा पेंशन योजना में बड़े घोटाले का आरोप लगाने के बाद आम आदमी पार्टी भी भाजपा सरकार पर हमलावर हो गई है। दिल्ली की कालकाजी विधानसभा सीट से विधायक और दिल्ली सदन में नेता प्रतिपक्ष आतिशी ने कहा कि दिल्ली सरकार के पुराने वाहनों पर प्रतिबंध लगाने का निर्णय बड़े भ्रष्टाचार की साजिश है। इससे मिडिल क्लास बुरी तरह डरा हुआ है। भाजपा ने बिना मिडिल क्लास के बारे में सोचे 10 साल पुरानी गाड़ियों को दिल्ली में बैन कर दिया। इसके पीछे कार स्क्रैपर्स, कार मैनुफैक्चर्स और कार डीलरों को फायदा पहुंचाने की नीति दिखाई देती है, क्योंकि पुरानी गाड़ियां बैन होने से दिल्ली के 62 लाख परिवारों को नई गाड़ियां खरीदनी पड़ेंगी।