मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिए कि किसी भी अप्रत्याशित स्थिति से निपटने के लिए सभी सरकारी अस्पतालों को तैयार रहना होगा। उन्होंने कहा कि मौजूदा हालात असामान्य हैं और स्वास्थ्य सेवाओं को प्राथमिकता देते हुए राजधानी में सभी अस्पतालों में तत्काल प्रभाव से इमरजेंसी वार्ड तैयार किए जाएं। उन्होंने अस्पतालों की मौजूदा स्वास्थ्य सेवाओं, दवाओं की उपलब्धता और भविष्य की चुनौतियों की समीक्षा की।
दवाइयों की आपूर्ति पूरी करने के निर्देश
मुख्यमंत्री ने यह भी बताया कि दिल्ली सरकार की प्राथमिकता यह सुनिश्चित करना है कि हर नागरिक को सस्ती, गुणवत्तापूर्ण और सुलभ स्वास्थ्य सेवाएं प्राप्त हों। उन्होंने राजधानी के अस्पतालों में दवाओं की कमी को लेकर चिंता व्यक्त की और इसे गंभीर समस्या करार देते हुए अधिकारियों को तत्काल समाधान की दिशा में ठोस कदम उठाने का आदेश दिया। उन्होंने संबंधित विभागों को निर्देश दिया कि दवाओं की आपूर्ति श्रृंखला की समीक्षा कर रिपोर्ट प्रस्तुत की जाए और कोई भी कोताही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। बैठक में सीएम ने केंद्र सरकार की तीन प्रमुख स्वास्थ्य योजनाओं के प्रभावी क्रियान्वयन पर जोर दिया है। इसमें आयुष्मान भारत योजना, वरिष्ठ नागरिकों के लिए वय वंदना योजना और समग्र स्वास्थ्य सेवाओं के लिए आरोग्य मंदिर योजना शामिल है। उन्होंने कहा कि इन योजनाओं को जमीनी स्तर तक प्रभावी ढंग से लागू किया जाना चाहिए ताकि अधिक से अधिक नागरिक लाभान्वित हो सकें।
दिल्ली के अस्पतालों में आरक्षित किए गए बेड
वहीं, राजधानी के प्रमुख सरकारी अस्पतालों ने भी आपदा प्रबंधन को लेकर तैयारियां शुरू कर दी हैं। लोकनायक अस्पताल पूरी तरह अलर्ट मोड पर आ गया है। यहां 250 स्वास्थ्य कर्मियों को विशेष आपदा प्रबंधन प्रशिक्षण दिया गया है ताकि किसी भी स्थिति से दक्षता से निपटा जा सके। अस्पताल में 70 बेड का विशेष वार्ड आरक्षित किया गया है जो आपातकाल के समय प्रयोग में लाया जाएगा। महरौली स्थित राष्ट्रीय क्षयरोग संस्थान में भी 50 बेड का विशेष वार्ड तैयार किया गया है। आरएमएल अस्पताल में 10 बेड का एक अलग वार्ड बनाया गया है। सभी अस्पतालों में स्टाफ की छुट्टियां रद्द कर दी गई हैं ताकि किसी भी समय आवश्यकता पड़ने पर तुरंत सेवा दी जा सके। इस तरह, दिल्ली सरकार ने संभावित संकट को देखते हुए स्वास्थ्य सेवाओं को सुदृढ़ करने और नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने की दिशा में ठोस पहल की है।
32 एयरपोर्ट अस्थायी रूप से बंद
ऑपरेशनल कारणों से देश के 32 एयरपोर्ट 9 मई से 15 मई 2025 की सुबह तक अस्थायी रूप से बंद रहेंगे। इनमें अमृतसर, जम्मू, श्रीनगर, जोधपुर, जैसलमेर, भुज, बीकानेर, चंडीगढ़ सहित प्रमुख एयरबेस शामिल हैं। उधर, रक्षा सूत्रों का कहना है कि पाकिस्तान से तनाव के बीच एलओसी और अंतरराष्ट्रीय सीमा पर 26 स्थानों पर संदिग्ध ड्रोन देखे गए हैं। इन ड्रोन के हथियारबंद होने का संदेह है और वे नागरिक व सैन्य ठिकानों को खतरे में डाल सकते हैं। प्रमुख प्रभावित स्थानों में बारामुल्ला, श्रीनगर, जम्मू, पठानकोट, जैसलमेर, भुज शामिल हैं।