दरअसल, दिल्ली की कालकाजी विधानसभा सीट पर इस बार सभी दलों की निगाहें थीं। दिल्ली की सीएम के चुनावी मैदान में होने से नई दिल्ली के बाद यह दूसरी वीआईपी सीट बन गई थी। आतिशी के खिलाफ भारतीय जनता पार्टी ने दो बार सांसद और तीन बार विधायक रहे कद्दावर नेता रमेश बिधूड़ी को चुनावी मैदान में उतारा, लेकिन उन्हें चुनाव में हार का सामना करना पड़ा। जबकि कांग्रेस की तेज तर्रार महिला नेता अलका लांबा तीसरे नंबर की प्रत्याशी रहीं। बता अगर साल 2020 की करें तो कालकाजी विधानसभा सीट पर आतिशी ने भाजपा के धर्मबीर सिंह को हराकर 11393 वोटों से चुनाव जीता था। जबकि कांग्रेस की शिवानी चोपड़ा को भी 4965 वोट मिले थे।
कालकाजी विधानसभा सीट का जानिए पूरा गणित
दिल्ली 70 विधानसभा निर्वाचन क्षेत्रों में से एक कालकाजी विधानसभा सीट का 2008 में परिसीमन आयोग ने पुनर्गठन किया था। कालकाजी दक्षिण दिल्ली लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र का हिस्सा है। इस विधानसभा क्षेत्र में पंजाबी और सिख मतदाताओं की चुनावों में जीत-हार के लिए अहम भूमिका मानी जाती है। इसके अलावा यहां झुग्गी-बस्तियों के मतदाता भी चुनाव में अहम रोल प्ले करते हैं। पिछले दो बार से
आम आदमी पार्टी की जीत के पीछे झुग्गी-बस्तियों के मतदाताओं का बड़ा हाथ रहा। इसके साथ ही इस क्षेत्र में 25 जेजे क्लस्टर्स हैं। झुग्गी बस्तियों से हर बार 50% से ज्यादा मतदान होता रहा है। कालकाजी में पिछले दो बार से आम आदमी पार्टी चुनाव जीत रही है। इसके पहले साल 1998 से तीन टर्म तक यह सीट कांग्रेस का गढ़ मानी जाती थी।
साल 2020 में कालकाजी विधानसभा का ये रहा चुनाव परिणाम
साल 2020 में हुए विधानसभा चुनावों में कालकाजी से आम आदमी पार्टी ने आतिशी को प्रत्याशी बनाया था। अरविंद केजरीवाल की बढ़ती लोकप्रियता के बीच आतिशी ने भाजपा के धर्मबीर सिंह को 11393 वोटों से मात देकर चुनाव जीता था। साल 2020 में आतिशी मार्लेना को 55,897 वोट मिले थे। इनका वोट शेयर 52.3 प्रतिशत रहा। जबकि भाजपा के धर्मबीर को 44,504 वोट मिले थे। वहीं कांग्रेस की शिवानी चोपड़ा को 4,965 वोट मिले थे। साल 2020 में कालकाजी विधानसभा चुनाव में जीत का वोट शेयर 10.7 प्रतिशत था।
साल 2015 में ये रहा कालकाजी का चुनाव परिणाम
साल 2015 में कालकाजी विधानसभा क्षेत्र से आम आदमी पार्टी ने अवतार सिंह को चुनावी मैदान में उतारा था। आम आदमी पार्टी के अवतार सिंह के खिलाफ भाजपा ने हरमीत सिंह कालका पर दांव लगाया था। जबकि कांग्रेस ने सुभाष चोपड़ा को चुनावी मैदान में उतारा था। साल 2015 में आम आदमी पार्टी के अवतार सिंह को 55,104 वोट मिले थे। जबकि भाजपा की हरमीत सिंह कालका को 35,335 वोट प्राप्त हुए थे। वहीं कांग्रेस के सुभाष चोपड़ा को 13,552 वोट मिले थे। अवतार सिंह ने 19769 मतों से चुनाव जीता था। अवतार सिंह का वोट शेयर 51.7 प्रतिशत था। जबकि जीत के अंतर का वोट शेयर 18.5 प्रतिशत था।
दिल्ली में कुल 1,56,14,000 मतदाता
दिल्ली विधानसभा चुनाव 2025 में राज्य की 70 विधानसभा सीटों पर कुल 699 प्रत्याशी चुनावी मैदान में थे। इसमें से 603 पुरुष और 96 महिला प्रत्याशी थीं। इसके साथ दिल्ली में कुल मतदाताओं की संख्या 1,56,14,000 है। इनमें से 83,76,173 पुरुष और 72,36,560 महिला मतदाता हैं। जबकि 1,267 थर्ड जेंडर मतदाता हैं। पांच फरवरी को कुल 13,033 मतदान केंद्रों मतदान के बाद आठ फरवरी को चुनाव के नतीजे घोषित किए गए।