नए भवन का उद्घाटन करने और सभा को संबोधित करने से पहले कॉलेज प्रशासकों ने स्टालिन का स्वागत किया। अपने भाषण में, मुख्यमंत्री ने एकता और भाईचारे को बढ़ावा देने की कॉलेज की विरासत की प्रशंसा की।
उन्होंने कहा कि इस संस्थान की स्थापना गांधीवादी सिद्धांतों के प्रबल अनुयायी जमाल मोहम्मद और खाजा मियां रोथर ने की थी। स्टालिन ने कहा, “जमाल मोहम्मद ने गांधी के साथ दूसरे गोलमेज सम्मेलन में भाग लिया था और स्वतंत्रता संग्राम में सहयोग के लिए एक खाली चेक भी दिया था।” रोथर खादी मिल चलाते थे और मुफ़्त में कपड़ा बांटते थे।
शिक्षा छात्रों की स्थायी सम्पत्ति स्टालिन ने चेतावनी दी, “राज्य में गांधी, पेरियार और आंबेडकर जैसे कई वैचारिक रास्ते हैं, लेकिन छात्रों को कभी भी गोडसे के समूह के रास्ते पर नहीं जाना चाहिए।” उन्होंने ज़ोर देकर कहा कि शिक्षा छात्रों की सबसे स्थायी संपत्ति है और छात्रों से सामाजिक चेतना विकसित करने का आग्रह किया।
स्टालिन ने कॉलेज के प्रतिष्ठित पूर्व छात्रों, जिनमें मंत्री के.एन. नेहरू और एम.आर.के. पन्नीरसेल्वम शामिल हैं, का भी ज़िक्र किया। उन्होंने कहा, “आपके वरिष्ठ मेरे मंत्रिमंडल में हैं। एक दिन, आप में से कोई उस सूची में भी शामिल हो सकता है।”
छात्र राजनीतिक जागरूकता पैदा करें मुख्यमंत्री ने दोहराया कि वे यहां राजनीति नहीं कर रहे हैं, लेकिन चाहते हैं कि छात्र राजनीतिक जागरूकता पैदा करें। उन्होंने कहा, “अगर तमिलनाडु एकजुट रहे, तो कोई भी ताकत हमें हरा नहीं सकती।”
“नान मुधलवन” और “पुदुमै पेन” जैसी सरकारी पहलों का ज़िक्र करते हुए उन्होंने कहा कि डीएमके सरकार शिक्षा और समावेशी विकास को प्राथमिकता दे रही है।सीएम ने कहा, “डीएमके हमेशा अल्पसंख्यकों के अधिकारों के लिए खड़ी रहेगी।” उन्होंने विश्वास दिलाया कि शिक्षा एक ऐसी संपत्ति है जिसे कोई छीन नहीं सकता और यह सरकार का मुख्य फोकस बना रहेगा।