राज्यपाल ने इन कालातीत शिक्षाओं को अध्यात्म से दूर करने के लगातार प्रयासों पर गहरी चिंता व्यक्त की।राज्यपाल ने इस बात को रेखांकित किया कि उस पवित्र परंपरा पर आधारित और हमारे समय की जरूरतों के अनुरूप, यदुगिरि यतिराज मठ जैसी संस्थाओं के पास एक प्रगतिशील और समावेशी समाज को आकार देने की अपरिहार्य जिम्मेदारियां हैं, जो हमारे सभ्यतागत मूल्यों में निहित है और हमारे पारंपरिक ज्ञान द्वारा निर्देशित है जो दुनिया की भलाई के लिए भारत के व्यापक पुनरुत्थान के लिए आवश्यक है।
श्रीरंगम मंदिर के भी दर्शन
इससे पहले राज्यपाल रवि और राज्य की प्रथम महिला लक्ष्मी रवि ने श्रीरंगम के श्री रंगनाथस्वामी मंदिर में भगवान रंगनाथ के दिव्य दर्शन किए। राज्यपाल ने तमिलनाडु के भाइयों और बहनों की खुशहाली, समृद्धि और कल्याण तथा राष्ट्र के निरंतर विकास के लिए प्रार्थना की।