jammu kashmir : क्षेत्र अब आत्मविश्वास और पूंजी का संगम
उपराष्ट्रपति ने कहा कि सिर्फ दो वर्ष में जम्मू-कश्मीर को 65,000 करोड़ रुपए के निवेश प्रस्ताव प्राप्त हुए हैं, जो क्षेत्र में आर्थिक विश्वास की मजबूती को दर्शाता है। 2019 के बाद पहली बार प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) जम्मू-कश्मीर में आया है, और कई अंतरराष्ट्रीय कंपनियां यहां निवेश को लेकर उत्सुक हैं। यह क्षेत्र अब आत्मविश्वास और पूंजी का संगम बन चुका है।
अस्थायी प्रावधान था धारा 370
धनखड़ ने कहा कि 2019 में धारा 370 के ऐतिहासिक निरसन ने पीढ़ियों की आकांक्षाओं को पंख दिए। युवाओं को बताना चाहता हूं कि धारा 370 केवल एक अस्थायी प्रावधान था। भारतीय संविधान के निर्माता डॉ. बी.आर. अंबेडकर ने इसे लिखने से इनकार कर दिया था। सरदार पटेल, जिन्होंने अधिकांश रियासतों का भारतीय संघ में एकीकरण किया, वे भी जम्मू-कश्मीर के पूर्ण एकीकरण को नहीं कर सके। परंतु 2019 में इस पवित्र भूमि पर एक नई यात्रा का शुभारंभ हुआ-अलगाव से एकीकरण की ओर। -ये भी पढ़े- jammu kashmir : माता वैष्णो देवी श्राइन बोर्ड स्थापित करेगा मेडिकल कॉलेज 2023 में 2 करोड़ से अधिक पर्यटक आए जम्मू कश्मीर
उन्होंने कहा कि वर्ष 2023 में 2 करोड़ से अधिक पर्यटकों ने जम्मू-कश्मीर की यात्रा की, जिससे स्थानीय अर्थव्यवस्था को अभूतपूर्व बढ़ावा मिला। जो कभी धरती का स्वर्ग कहलाता था, वह अब आशा और समृद्धि का प्रतीक बन गया है। उपराष्ट्रपति ने कहा कि इस पावन भूमि के एक महान सपूत ने कभी ‘एक देश में एक निशान, एक विधान, एक प्रधान’ की मांग की थी। आज वह स्वप्न साकार हो चुका है। जहां कभी अव्यवस्था और अस्थिरता थी, वहां अब सुशासन और स्थिरता देखी जा रही है।
हमारी संस्कृति हमें हमारे कर्तव्य सिखाती है
उन्होंने कहा कि प्रत्येक नागरिक के कुछ कर्तव्य होते हैं। हमारी संस्कृति हमें हमारे कर्तव्य सिखाती है। जब हम अपने नागरिक कर्तव्यों का ईमानदारी से पालन करेंगे, तो परिणाम असाधारण होंगे। हमें विकसित भारत की ओर अपनी यात्रा को तीव्र गति से आगे बढ़ाना होगा। उन्होंने कहा कि आज आप एक आत्मविश्वासी और सशक्त भारत में रह रहे हैं। वैश्विक स्तर पर भारत निवेश और अवसरों के सबसे पसंदीदा गंतव्यों में से एक बन चुका है। स्वतंत्रता के बाद हमारे इतिहास में पहली बार, किसी भारतीय प्रधानमंत्री की आवाज वैश्विक मंच पर इतनी प्रभावशाली और प्रभावशाली ढंग से सुनी जा रही है।
उपराज्यपाल और मुख्यमंत्री भी रहे मौजूद
उप राष्ट्रपति ने इस बात पर बल दिया कि जम्मू-कश्मीर का यह रूपांतरण केवल एक क्षेत्रीय बदलाव नहीं है, बल्कि भारत के राष्ट्रीय पुनर्जागरण का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। इस अवसर पर जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा, जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला, जम्मू-कश्मीर की शिक्षा मंत्री सकीना मसूद एवं अन्य गणमान्य व्यक्ति भी उपस्थित थे।