एक दिन पूरे अस्पताल में चकाचक सफाई, फिर वही पुराना ढर्रा
देशभर में सरकार सफाई व्यवस्था पर जोर दे रही है, ताकि लोग स्वस्थ रहें और बीमारियों पर लगाम लगे, लेकिन बीमारियों का इलाज करने वाले अधिकांश अस्पतालों में गंदगी की भरमार रहती है। यहां संक्रामण और बीमारी फैलाने वाले कचरे का सही निस्तारण नहीं हो पाता। इसके लिए सरकार ने कायाकल्प योजना लागू की ताकि […]
देशभर में सरकार सफाई व्यवस्था पर जोर दे रही है, ताकि लोग स्वस्थ रहें और बीमारियों पर लगाम लगे, लेकिन बीमारियों का इलाज करने वाले अधिकांश अस्पतालों में गंदगी की भरमार रहती है। यहां संक्रामण और बीमारी फैलाने वाले कचरे का सही निस्तारण नहीं हो पाता। इसके लिए सरकार ने कायाकल्प योजना लागू की ताकि अस्पताल स्वस्छ व संक्रमणमुक्त रहें। इस योजना की टीम भी अस्पतालों का समय-समय पर निरीक्षण करती है। इसके बावजूद अस्पताल बीमारियां फैला रहे हैं। इसका कारण यह है कि कायाकल्प योजना की टीम के निरीक्षण की जानकारी अस्पतालों को पहले ही मिल जाती है, जिससे वे टीम के आने से पहले अस्पताल को चकाचक कर लेते हैं, लेकिन टीम के लौटने के बाद फिर उसी ढर्रे पर आ जाते है, जिससे सरकार की मंशा व मेहनत पर पानी फिर जाता है। कई अस्पताल तो सिर्फ अवॉर्ड के लिए ही दिखावा करते हैं। कायाकल्प टीम भी निरीक्षण कर अपनी जिम्मेदारी निभा लेती है लेकिन अस्पताल में आने वाले मरीज गंदगी के बीच इलाज करवाने को विवश रहते है। अस्पताल में घुसते ही लोगों को बदबू व गंदगी का सामना करना पड़ता है। आवारा मवेशी व कुत्तों के आरामगाह हैं, जो कूड़ा करकट को फैलाते रहते हैं। रसरकारी अस्पतालों में इलाज के लिए महंगी व उच्चकोटि की मशीनें व विशेषज्ञ डॉक्टर होने के बावजूद लोग इलाज नहीं करवाते हैं। सस्ता इलाज भी लोगों को आकर्षित नहीं कर पा रहा है। जनप्रतिनिधि भी सरकारी अस्पतालों में इलाज नहीं करवाते हैं, या इलाज करवाने से झिझकते हैं। सरकार को चाहिए कि जैसे इंदौर शहर को गंदगीमुक्त करने के लिए लिए 365 दिन 24 घंटे सफाई व्यवस्था पर नजर रखी जाती है लोगों को जागरूक किया जाता है, तो अस्पताल में भी ऐसी व्यवस्था होना चाहिए। इसकी रोजाना मॉनीटरिंग ऐसी होना चाहिए जैसी कायाकल्प टीम के आने के समय होती है। यदि सफाई व्यवस्था दुरुस्त होगी तो लोगों को बेहतर इलाज मिल सकेगा। सरकारी अस्पतालों के प्रति लोगों का विश्वास बढ़ेगा तो है ही इलाज करवा रहे लोगों की बीमारी भी शीघ्र ठीक होगी। संक्रमण की दर घटेगी और इलाज का खर्च भी आश्चर्यजनक रूप से कम हो जाएगा। श्याम कुमार अवस्थी
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