इनको मिलेंगी डिग्रियां एचएनएलयू के कुलपति वीसी विवेकानंदन ने बताया, बीएएलएलबी कुल 161छात्रों में से 125 मौके पर डिग्री लेंगे जबकि 36 को अनुपस्थित रूप से डिग्री दी जाएगी। इसी तरह एलएलएम के 90 में से 57 स्टूडेंट्स व्यक्तिगत रूप से डिग्री प्राप्त करेंगे, अन्य 30 को अनुपस्थित रूप से डिग्री मिलेगी। पीएचडी की उपाधि एक ही को मिलेगी।कार्यक्रम की लाइव स्ट्रीमिंग एचएनएलयू के यूट्यूब चैनल पर की जाएगी।
इन्हें मिलेंगे गोल्ड बीएएलएलबी नाम – गोल्ड
श्रीराधा राय- 18
शाम्भवी शनि- 2
आनंद किशोर- 1
आर्या मित्तल- 1
मानव भट्ट- 1
साक्षी श्रीवास्तव- 1
शुभम जिंदल- 1
आकृति श्रीवास्तव- 4
हृति पारेख- 2
मुअज्जम नासिर- 2 एलएलएम पलक राजपाल- 2
कनाक्षी – 1
प्रशांत कुमार- 1
सुबह 10.30 को रिहर्सल 8 मार्च सुबह 10.30 बजे दीक्षांत की रिहर्सल वीआईपी चौक स्थित होटल में होगी। इसी दौरान उन्हें गाउन भी बांटे जाएंगे। रिहर्सल के दौरान उन्हें दीक्षांत से जुड़ी महत्त्वपूर्ण जानकारी भी दी जाएगी। इसके बाद 3 बजे कार्यक्रम शुरू होगा।
सपने में भी नहीं सोचा था इतने गोल्ड मिलेंगे हावड़ा निवासी श्रीराधा ने बताया, स्कूल के दिनों से ही अच्छे माक्र्स आया करते थे। मेरा शुरुआती रुझान में इंजीनियरिंग में था लेकिन जब लॉ के बारे में पता चला तो मैंने क्लैट दे दिया। देशभर में मेरी रैंक 660 रही। मुझे नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी ओडिशा भी मिल रहा था लेकिन मैंने एचएनएलयू को चुना। यहां मेरी जर्नी बिल्कुल सिंपल रही। न ज्यादा हार्ड वर्क और न किसी प्रकार का तनाव। कॉलेज में जो पढ़ाया जाता, उसे रिवाइज किया करती थी। क्लैट पीजी में अच्छी रैंक मिली और मुझे एनएलएसयू बेंगलूरु मिल गया। पापा अंजन राय चौधुरी जियोलॉजिस्ट रहे हैं। मम्मी बैशाखी राय हो मेकर मैंने कभी सपने में भी नहीं सोचा था कि 18 गोल्ड मिल जाएंगे। दरअसल, मैंने गोल्ड को ध्यान में रखते हुए कभी पढ़ाई नहीं की। मुझे इतना पता था कि अच्छे से पढ़ाई करनी है। रुचियों पर कहा, चेस खेलती थी। पब्लिक पॉलिसी कॉम्पीटिशन में पार्टिसिपेट किया था।
ये चुनौतियां रहीं जब कॉलेज शुरू हुए तो लॉकडाउन चल रहा था। क्लास कभी ऑनलाइन तो कभी ऑफलाइन लगा करती थी। उन दिनों एग्जाम पैटर्न भी बदला गया था। फस्र्ट ईयर में टॉप करने के बाद उसे मेंटेन करना ही अपने आप में प्रेशर होता है। इस तरह की चुनौतियों को पार करते हुए मैंने यूजी पूरा किया।
रायपुर की हृति को दो गोल्ड शंकर नगर की हृति पारेख को दो गोल्ड मिलेंगे। उन्होंने बताया, स्कूल में लीगल स्टडीस में मुझे 100 में 100 माक्र्स मिले थे। वहीं से इंट्रेस्ट बढ़ गया था। टेंथ और ट्वेल्थ में टॉपर रही। बिना किसी तैयारी के क्लैट दिया और मैंने क्वालिफाई कर लिया। पापा अपूर्व पारेख बिजनेसमैन हैं और मम्मी मोना सोशल वर्कर। इन दिनों मैं मुंबई स्थित एक कंपनी में कॉर्पोरेट लॉयर हूं।