भीड़ नियंत्रण के लिए प्रशासन का प्लान
महाकुंभ मेला की व्यवस्थाओं को बेहतर बनाने के लिए 12 फरवरी तक स्पेशल अधिकारियों को तैनात किया गया है। इसमें पहले के अनुभव वाले अधिकारी भी शामिल हैं। यह दोनों अफसर 12 फरवरी तक प्रयागराज में रह कर महाकुम्भ की व्यवस्था को देखेंगे।इन 2 अधिकारियों को सौंपी गई महाकुंभ की कमान
महाकुंभ 2025 के अगले दो स्नान पर्व की कमान आशीष गोयल और भानु चंद्र गोस्वामी को सौंपी गई है। दोनों ही 2019 के कुम्भ के दौरान सेवाएं दे चुके हैं। आशीष गोयल 2019 के कुंभ में मंडलायुक्त थे जबकि भानु चंद्र गोस्वामी ने प्रयागराज विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष रहते हुए कुंभ 2019 के सफलता से कराने में उल्लेखनीय योगदान दिया था। बाद में वह प्रयागराज के डीएम भी बनाए गए थे। आज मुख्य सचिव और डीजीपी महाकुंभ मेला की सुरक्षा व्यवस्था और बसंत पंचमी पर होने वाले ‘अमृत स्नान’ की व्यवस्थाओं की समीक्षा करेंगे।महाकुंभ में एक और बड़ा हादसा, सेक्टर 22 में लगी आग, कई पंडाल जले
भगदड़ के बाद महाकुंभ मेला क्षेत्र में बदलाव
1-पूरे महाकुंभ मेले को नो व्हीकल जोन घोषित कर दिया गया है। यानी कोई भी वाहन अंदर नहीं चलेगा। सभी को पैदल चलना होगा।2-पूरे मेला क्षेत्र को वन-वे कर दिया गया है। यानी जिस रास्ते से लोग आ रहे हैं उसी रास्ते से वापस नहीं जा सकेंगे। वापसी के लिए दूसरा रास्ता होगा।
3-महाकुंभ में सिर्फ संगम के आसपास ड्रोन से निगरानी की जा रही थी। अब यह दायरा बढ़ाकर पूरे मेला क्षेत्र में कर दिया गया है।
4-पूरे मेला क्षेत्र में सुरक्षा और भीड़ को नियंत्रित करने के लिए अब अफसर हेलिकॉप्टर से निगरानी कर रहे हैं।
5-मेला क्षेत्र के लिए पहले से जितने व्हीकल और वीआईपी पास बनाए गए थे वो कैंसिल कर दिए गए हैं।नोट- यह सारी व्यवस्थाएं 4 फरवरी तक लागू रहेंगी ।