इस संबंध में पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार कौआताल निवासी राजकिशोर साहू 36 साल ने चक्रधर नगर पुलिस से रिपोर्ट लिखाते हुए बताया कि वह और उसका एक मित्र हेमसागर श्रीवास दोनों का रंजीत चौहान से परिचय हुआ था। रंजीत चौहान ने उन्हें बताया कि वह एनजीओ संचालक है और सरकार के द्वारा राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन एनएचएम के तहत हेल्थ एण्ड वेलनेस सेंटर एचडब्ल्यूसी की बिल्डिंग निर्माण का प्रोजेक्ट मिलना बताया।
CG Fraud News: चक्रधर नगर पुलिस ने एफआईआर की दर्ज
इसके बाद कई बार असीम कृपा फाऊंडेशन कार्यालय हिमाल्या हाईट्स सब स्टेशन के सामने बोईरदादर लेकर गया। जहां रंजीत कुमार चैहान को इसके संबंध में विस्तृत से बताया। राजकिशोर साहू ने बताया कि रंजीत चौहान ने उन्हें हेल्थ एण्ड वेलनेस सेंटर
बिल्डिंग निर्माण का कार्य फाइल दिखाया और इस कार्य को करने के लिए सुरक्षा निधि राशि 6 लाख जमा करने को कहा। इसके बाद 20 जून 2024 को 3 लाख रुपए व 21 जून 2024 को 2 लाख रुपए फोन पे के द्वारा दिया गया।
वहीं 12 जुलाई 2024 को 1 लाख रुपए फोन के द्वारा दिया गया। राजकिशोर साहू ने बताया कि 6 लाख रुपए लेनदेन के संबंध में उसके और रंजीत के बीच अनुबंध भी किया गया था। इसमें रंजीत ने सहमति देते हुए अनुबंध में यह उल्लेख किया था कि यदि काम नहीं होता है तो मूल राशि के साथ ब्याज सहित समस्त राशि वापस की जाएगी।
सुरक्षा निधि देने के बाद रंजीत कुमार चैहान ने हेल्थ एण्ड वेलनेस सेंटर की बिल्डिंग निर्माण कार्य के लिए अग्रिम राशि के रूप में 1 करोड़ 12 लाख रुपए एवं 62 लाख के अलावा 17 लाख का चेक अलग-अलग दिनांक को दिया।
बार-बार चेक बाउंस
राजकिशोर साहू ने बताया कि उसके द्वारा बैंक में चेक जमा करने पर हस्ताक्षर का मिलान नहीं होने पर उक्त चेक बैंक से वापस हो गया। कई बार चेक वापस होने से कार्य न करने की इच्छा से रंजीत से
सुरक्षा निधि मांगने पर 3 अगस्त 2024 से 5 अगस्त के बीच 1 लाख रुपए वापस किया एवं भवन निर्माण का काम देने का आश्वासन देते हुए जमा रकम का 5 अगस्त 2024 को दोनों के मध्य इकरारनामा निष्पादित किया।
पीड़ित की शिकायत के बाद हुई एफआईआर
शेष रकम 1 लाख 75 हजार वापस नहीं किया गया। रंजीत कुमार से बार-बार पैसा मांगने पर वह टालमटोल कर लगातार गुमराह किया जाता रहा है। जिसके बाद पीड़ित ने चक्रधर नगर थाने में रंजीत के खिलाफ रिपोर्ट लिखाई गई है। पीड़ित की शिकायत के बाद चक्रधर नगर पुलिस ने रंजीत चैहान के खिलाफ धारा 118(4) बीएनएस के तहत अपराध दर्ज कर मामले को जांच में ले लिया है। इकरारनामा में रंजीत कुमार चैहान के द्वारा 12 अगस्त 2024 को अपने भारतीय स्टेट बैंक के खाता से आरटीजीएस के माध्यम से 60 लाख रुपए अग्रिम राशि स्थानांतरण करूंगा
आरटीजीएस नहीं होने पर 6 लाख रुपए वापस कर दूंगा बोला गया। इसके बावजूद अपना रकम एवं भवन निर्माण के लिए राशि नहीं मिलने के बाद बार-बार मांग करने पर 23 सितंबर 2024 को 1 लाख रुपए, 5 अक्टूबर को 1 लाख रुपए एवं 15 अक्टूबर को 1 लाख रुपए व 11 नवंबर को 25 हजार रुपए कुल 4 लाख 25 हजार फोन पे के माध्यम से वापस किया गया।