राजधानी के मोहबाबाजार निवासी आश्मन कुमार निजी स्कूल के छात्र हैं। उन्होंने बताया, हाथियों पर रोज कोई न कोई खबर देखता-पढ़ता रहता था। इसलिए कोडिंग के जरिए मैंने एलिफेंट डिटेक्टर बनाने का प्लान किया।
कितनी दूरी तक काम करेगा
यह कैमरे की क्वालिटी के ऊपर डिपेंड करता है। अगर अच्छी क्वालिटी के कैमरे लगाए जाएं तो रेंज ज्यादा हो सकती है।
मधुमक्खी की आवाज से डरते हैं हाथी
आश्मन ने बताया,
हाथियों को मधुमक्खी की आवाज नहीं भाती। वे आवाज सुनकर चिढ़ते हैं। मैंने कोडिंग के जरिए 300 रुपए वाले कैमरे को कंप्यूटर से जोडक़र मधुमक्खी का साउंड क्रिएट किया। हाथी प्रभावित क्षेत्रों में इसका अच्छा इस्तेमाल किया जा सकेगा।
ऐसे पहुुंचेगा मोबाइल पर मैसेज
कैमरे को वाईफाई के जरिए मोबाइल टॉवर से जोड़ा जा सकता है। मोबाइल टॉवर आपके मोबाइल को सिग्नल देगा। सिग्नल मिलते ही मोबाइल पर मैसेज पहुंच जाएगा। जिन क्षेत्रों में बिजली नहीं है, वहां सोलर पैनल से इसे ऑपरेट किया जा सकेगा। कैमरे के पास ही हूटर लगाया जाएगा, हाथी डिटेक्ट होते ही हूटर से मधुमक्खी की आवाज आने लगेगी।