Chhattisgarh New DGP: एडी गौतम को डीजीपी बनाने का आदेश जारी
राज्य सरकार के निर्देश पर गृह विभाग के विशेष सचिव अभिजीत सिंह द्वारा मंगलवार को इसका आदेश जारी किया गया है। इसमें आगामी आदेश तक के लिए अस्थाई रूप से डीजीपी का प्रभार दिए जाने का आदेश जारी किया गया है। वर्तमान डीजीपी अशोक जुनेजा को एक्सटेंशन नहीं मिलने पर अरुण देव गौतम पुलिस महकमे के मुखिया होंगे। हालांकि अंतिम समय तक अशोेक जुनेजा को एक्सटेंशन मिलने को लेकर अंतिम समय तक असमंजस की स्थिति बनी हुई थी। राज्य और केंद्र सरकार से किसी भी तरह का संकेत नहीं मिलने पर माना जा रहा था कि दूसरी बार फिर एक्सटेंशन मिल सकता है। लेकिन, किसी भी तरह का आदेश नहीं आने पर एडी गौतम को डीजीपी बनाने का आदेश जारी किया गया।
पहली पोस्टिंग सीएसपी बिलासपुर
अरुण देव गौतम 1992 बैच के आईपीएस बनने के बाद पहले मध्यप्रदेश कैडर एलॉट हुआ था। प्रशिक्षु आईपीएस के तौर पर उनकी जबलपुर में पोस्टिंग हुई। इसके बाद
बिलासपुर के सीएसपी, एसडीओपी कवर्धा और फिर एएसपी एसपी भोपाल पदस्थ किया गया था। इस दौरान मध्यप्रदेश पुलिस में 23 वीं बटालियन के कमांडेंट भी रहे। एसपी के रूप में पहली बार मध्यप्रदेश के राजगढ़ जिले की जिम्मेदारी सौंपी गई थी। राज्य निर्माण के बाद छत्तीसगढ़ कैडर आवंटित किया गया था।
राज्य निर्माण के बाद कोरिया, रायगढ़, जशपुर, राजनांदगांव, सरगुजा और बिलासपुर जिले के एसपी रहे। वहीं लंबे समय तक वे गृह सचिव के रूप में पदस्थ रहे है। 2009 में राजनांदगांव में नक्सली हमले में तात्कालीन एसपी विनोद चौबे सहित 29 पुलिसकर्मियों के शहीद होने के बाद अरुण देव गौतम को वहां का एसपी बन कर भेजा गया। पदोन्नति के बाद डीआईजी बनाए जाने पर पुलिस हैडक्वाटर, सीआईडी, वित्त और योजना, प्रशासन और मुख्यमंत्री सुरक्षा के महत्वपूर्ण विभागों में पदस्थ रहे।
नक्सल इलाके में आईजी की जिम्मेदारी निभाई
बिलापुर में पहली बार सीएसपी के पद पर पदस्थ होने के बाद उसी जिले में एसपी और फिर आईजी की जिम्मेदारी सौंपी गई थी। झीरम घाटी में हुए 2013 नक्सली हमले में कांग्रेस नेताओं व कार्यकर्ताओं की मौत के बाद अरुण देव गौतम को बस्तर आईजी बना कर भेजा गया। इसके कुछ ही माह बाद नवंबर में हुए विधानसभा चुनाव सफलतापूर्वक चुनाव करवाने में अरुण देव गौतम की भूमिका रही।
किसान परिवार से ताल्लुक
Chhattisgarh New DGP: आईपीएस अरुण देव उत्तर प्रदेश के कानपुर के पास फतेहपुर जिले के अभयपुर गांव के रहने वाले है। उनका जन्म 2 जुलाई 1967 को हुआ। वे किसान परिवार से ताल्लुक रखते हैं। पिता कृषक है। वे पांच भाई और एक बहन हैं। अभयपुर गांव फतेहपुर जिले में जरूर आता है मगर कानपुर से दूरी मात्र 30 किलोमीटर है। अरुण देव गौतम ने आठवीं तक की स्कूली शिक्षा अपने गांव के ही सरकारी स्कूल से की। फिर आगे की पढ़ाई करने के लिए वे अपने बड़े भाई के पास इलाहाबाद आ गए। इसके बाद दसवीं और बारहवीं उन्होंने राजकीय
इंटर कॉलेज इलाहाबाद से पूरी की। इलाहाबाद विश्वविद्यालय से आट्र्स लेकर बीए किया। इसके बाद राजनीति शास्त्र में एमए किया।
इस दौरान उनके कई दोस्तों ने यूपीएससी की परीक्षा दी। इसको देखते हुए जवाहरलाल नेहरू यूनिवर्सिटी नई दिल्ली से अंतरराष्ट्रीय कानून में एमफिल की डिग्री हासिल की। इसके बाद पीएचडी करना प्रारंभ किया। यूपीएससी परीक्षा में पहली बार असफल रहने के बाद दूसरी बार में आईपीएस के लिए सलेक्शन हुआ।
नई जिम्मेदारियों के साथ नई उम्मीदें
अरुण देव गौतम की नियुक्ति से राज्य में पुलिस प्रशासन और कानून व्यवस्था को लेकर नई रणनीतियों की उम्मीद की जा रही है। उनकी अगुवाई में छत्तीसगढ़ पुलिस को और अधिक प्रभावी बनाने के प्रयास होंगे।