CGMSC Scam: मोक्षित कॉर्पोरेशन पर कार्रवाई का असर
पहले सप्लायर अधिकारियों के केबिन में घंटों बैठे रहते थे। दुर्ग स्थिति मोक्षित कॉर्पोरेशन के डायरेक्ट शशांक चोपड़ा व उससे जुड़े फर्म पर एसीबी व ईओडब्ल्यू के छापे के बाद
सीजीएमएससी के अधिकारी भी फूंक-फूंक कर कदम उठा रहे हैं। पिछले एक माह से सप्लायरों की एंट्री बंद है। जानकारों के अनुसार ये केवल दिखावे के लिए किया गया है। जिन सप्लायर व अधिकारियों को मिलना है, कार्यालय ही नहीं, शहर में कहीं भी मिल सकते हैं।
रिसेप्शन में ही अधिकारी आकर मिल रहे, एक से दो मिनट के लिए
अरबों का रीएजेंट खरीदी में संलिप्त अधिकारियों का बयान चल रहा है।हालांकि अभी एसीबी या
ईओडब्ल्यू ने बड़ा खुलासा नहीं किया है। आखिर मोक्षित कॉर्पोरेशन किन-किन
अधिकारियों की शह पर मैन्युफैक्चरर नहीं होते हुए भी करोड़ों का मेडिकल इक्विपमेंट सप्लाई करता रहा। किस तरह एक ट्रांसपोर्टर से सीजीएमएससी में सबसे बड़ा सप्लायर बन गया?
एसीबी या ईओडब्ल्यू के खुलासे के बाद अधिकारियों के नाम से परदा उठ जाएगा। हालांकि ये कब तक संभव होगा, ये कहना मुश्किल है। जानकारों के अनुसार,
सीजीएमएससी के बड़े अधिकारियों की मदद के बिना मोक्षित कॉर्पोरेशन अकेले घोटाला नहीं कर सकता। इसमें अधिकारियों की संलिप्तता तय मानी जा रही है।