Kawasi Lakhma: हस्ताक्षर करने की अनुमति
हालांकि किसी भी तरह के दस्तावेज पर हस्ताक्षर करने की अनुमति उन्हें दी गई है। बचाव पक्ष की ओर से
कवासी लखमा को विधानसभा की कार्रवाई में शामिल होने संबंधी आमंत्रण पत्र को कोर्ट में पेश किया गया था। अभियोजन पक्ष ने इसे उपस्थिति के लिए जारी की गई फॉर्मेल्टी बताया।
विशेष न्यायाधीश ने दोनों पक्षों की दलील सुनने के बाद बचाव पक्ष के आवेदन को खारिज कर दिया। बता दें कि शराब घोटाले में कवासी लखमा को जनवरी 2025 में गिरफ्तार कर न्यायिक रिमांड पर जेल भेजा गया है।
लखमा को गिरफ्तारी का डर
Kawasi Lakhma: दरअसल, शराब घोटाला केस में ED ने EOW में 2 पूर्व मंत्री, अफसरों सहित 100 लोगों के खिलाफ केस दर्ज कराया है। इसमें कवासी लखमा का भी नाम है। ऐसे में लखमा को आशंका है कि अगर उनको बेल मिलती है, तो फौरन EOW गिरफ्तार कर सकती है।
शराब घोटाला केस में सुप्रीम कोर्ट से अरुण त्रिपाठी को बेल मिल चुकी है, लेकिन वह जेल से बाहर नहीं आ सके। ऐसे कई अफसर हैं, जिनको सुप्रीम कोर्ट से बेल मिल चुकी है। वह EOW में दर्ज FIR के कारण जेल से रिहा नहीं हो सके।