Liquor Price: बाहरी शराब पर रोक नहीं
सूत्रों के मुताबिक शराब की कई ब्रांड ऐसी हैं, जो हरियाणा, पंजाब, एमपी, महाराष्ट्र, ओडिशा में काफी सस्ता है। इन्हीं शराबों को तस्करी के जरिए छत्तीसगढ़ में लाया जाता है। इसके बाद इन्हें चोरी-छिपे होटलों, बारों, रेस्टोरेंट और ढाबों में अधिक रेट में बेचा जाता है। होटल, बार वालों को ये शराब काफी सस्ती पड़ती है और अधिक रेट में बेचते हैं। इससे उन्हें मुनाफा ज्यादा मिलता है। इस कारण दूसरे राज्यों से शराब की तस्करी बंद नहीं हो रही है। इससे आबकारी विभाग को काफी नुकसान उठाना पड़ता है। राजस्व का लक्ष्य भी पूरा नहीं हो पाता है। रेस्टोरेंट-ढाबों को दी है अनुमति
आबकारी विभाग ने बारों के अलावा अब रेस्टोरेंट व ढाबों में भी शराब पिलाने की छूट दी है। इसके लिए रेस्टोरेंट व ढाबा संचालकों को अलग-अलग कैटेगरी का आबकारी लाइसेंस लेना पड़ेगा। प्रदेशभर में अब तक केवल रेस्टोरेंट वालों ने लाइसेंस लिया है। आबकारी अधिकारियों का दावा है कि मार्च-अप्रैल के बाद लाइसेंस लेने वालों की संया बढ़ेगी।
आबकारी सचिव आर संगीता ने बताया कि रेस्टोरेंट में शराब पिलाने के लिए तीन लोगों ने लाइसेंस लिया है। अप्रैल से लाइसेंस लेने वालों की संया बढ़ने की संभावना है। पिछले साल का राजस्व लक्ष्य पूरा नहीं हुआ है। इसके लिए प्रयास किए जाते हैं। बजट के संभावित नए लक्ष्य को लेकर भी तैयारी है।