इससे जयपुर समेत देशभर के शिवालयों में विशेष आयोजन होंगे, कांवड़ यात्री शिव का जलाभिषेक करेंगे, जगह-जगह रुद्राभिषेक जैसे अनुष्ठान होंगे। सभी बैजनाथ धाम समेत सभी 12 ज्योतिर्लिंग पर भक्त पूजा अर्चना करेंगे। बाबा धाम में शिव शक्ति के विवाह का आयोजन होगा।
जयपुर की बात करें तो छोटीकाशी स्थित चौड़ा रास्ता के ताडक़ेश्वर महादेव, वैशालीनगर के झाडख़ंड महादेव, बनीपार्क के जंगलेश्वर महादेव, विद्याधरनगर के भूतेश्वर महादेव, छोटी चौपड़ के रोजगारेश्वर महादेव सहित अन्य शिवालयों में भी विशेष आयोजन होगा।
इन विशेष योग में महाशिवरात्रि
ज्योतिषाचार्य पं.दामोदर प्रसाद शर्मा के मुताबिक महाशिवरात्रि पर श्रवण नक्षत्र का संयोग बनेगा। इसी दिन बुध, शनि और सूर्य तीनों कुंभ राशि में विराजमान होंगे। ऐसे में बुद्धादित्य योग, त्रिग्रही योग का निर्माण होगा। खास बात ये है कि लगभग 31 साल बाद बुधादित्य और त्रिग्रही योग के संयोग में पर्व मनाया जाएगा। वहीं 7 साल बाद बुधवार को महाशिवरात्रि का पर्व संयोग आएगा।महाशिवरात्रि पर होंगे ये विशेष अनुष्ठान
इधर, जयपुर के शिवालयों में रूद्रीपाठ, जलाभिषेक, दुग्धाभिषेक, पंचामृत अभिषेक से महादेव की पूजा अर्चना की जाएगी।जयपुर के जीवनदास रावतानी मेमोरियल ट्रस्ट की ओर से गलता तीर्थ में शिव दरबार सजाकर भक्ति संगीत कार्यक्रम आयोजित किया जाएगा।
मुहाना पशुपतिनाथ मंदिर, सिद्धपीठ धाम के संत कमलेश ने बताया कि शास्त्रों के अनुसार महाशिवरात्रि के दिन ही भगवान भोलेनाथ और माता पार्वती विवाह के बंधन में बंधे थे।