दरअसल स्थानीय इंदिरा गांधी इंजीनियरिंग महाविद्यालय में पदस्थ मनोज पुष्पद की लंबी बीमारी के उपरांत गत दिवस इंदौर की निजी अस्पताल में निधन हो गया था। उनका अंतिम संस्कार सुबह 10 बजे आवासीय परिसर में किया गया। पुष्पद की दो बेटियां हैं। पुत्र नहीं होने से बड़ी बेटी तनु एवं छोटी बेटी मिस्टी अपने पिता का अंतिम संस्कार किया। मनोज पुष्पद के असामयिक निधन पर महाविद्यालय के सभी सदस्यों ने श्रद्धांजलि दी। 40 वर्षीय मनोज पुष्पद बिजावर जिला छतरपुर निवासी थे, वे कैंसर की बीमारी से पीडि़त थे।
बेटियों ने विधि-विधान के साथ निभाई रस्म
इंदौर से जब पिता का शव लाया गया तो बेटियां आगे आईं और अपने पिता की अर्थी को कंधा दिया। यही नहीं बेटियां घर से लेकर तक पिता की शव यात्रा के साथ गई। श्मशान घाट में बेटियों ने पूरे रीति रिवाज के साथ पिता को मुखाग्नि देकर उनका अंतिम संस्कार कराया। यह देखकर कुछ परिजन तो रो पड़े। वहीं बेटियों ने अपने दिल को कड़ा कर सभी रस्में निभाईं। बेटियों ने कहा कि उनके पिता उन्हें बेटा ही मानते थे। आज उन्होंने अपने अधिकार को पूरा किया।