scriptपांच फीट गहरी खुदाई में निकले 17वीं शताब्दी के चार मेहराबदार गेट | Four arched gates of the 17th century were found in a five feet deep excavation | Patrika News
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पांच फीट गहरी खुदाई में निकले 17वीं शताब्दी के चार मेहराबदार गेट

टीकमगढ़. ओरछा में चल रही खुदाई के दौरान जमीन में पांच फीट नीचे दबे चार ऐतिहासिक मेहराबदार गेट सामने आए हैं। यह गेट एक क्रम में लंबी संरचनाएं हैं, जो संभवता एक दूसरे से जुड़े हैं। इसे देखकर लगता है कि कभी यहां बाग हुआ करता था, इन मेहराबदार गेट या इसके आस-पास गर्मी के […]

सागरMay 04, 2025 / 07:32 pm

प्रवेंद्र तोमर

  • काम किया बंद, संरक्षण एवं पूरे परिसर की जांच के लिए बुलाई टीम
टीकमगढ़. ओरछा में चल रही खुदाई के दौरान जमीन में पांच फीट नीचे दबे चार ऐतिहासिक मेहराबदार गेट सामने आए हैं। यह गेट एक क्रम में लंबी संरचनाएं हैं, जो संभवता एक दूसरे से जुड़े हैं। इसे देखकर लगता है कि कभी यहां बाग हुआ करता था, इन मेहराबदार गेट या इसके आस-पास गर्मी के दिनों में लोग बैठते थे। जो समय की धूल के साथ जमीन में दफन होते चले गए। अब रामराजा लोक के कार्य के लिए चल रही खुदाई में जमीन के अंदर छिपा इतिहास सामने आ रहा है। इस खुलासे के बाद यहां काम बंद कर दिया है, जांच के लिए टीम बुलाई गई है। सर्वे के बाद ही आगे का काम होगा।
16 वीं एवं 17 वीं सदी के बीच में बनी ओरछा में धरातल के ऊपर दिखाई दे रहे मठ, मंदिर और महल जितने आकर्षक और बेजोड़ बुंदेली स्थापत्य कला को प्रदर्शित कर रहे हैं, उससे कहीं अधिक अविश्वसनीय यहां के बेसमेंट में मिल रही संरचनाएं दिखाई दे रही हैं। पर्यटन विभाग ने यहां पर रामराजा धर्मशाला से फूलबाग और हरदौल बैठका तक जमीन की खुदाई शुरू की है। धर्मशाला में कुछ साल पहले बनाए गए तीन कमरों के साथ ही बाथरूम को तोड़ कर बेसमेंट में खुदाई की जा रही है।
पूरे परिसर में बेसमेंट, गर्मी के दिनों में लोग इनमें रहते थे
पुरातत्व विभाग के क्यूरेटर घनश्याम बाथम का कहना है कि यह पूरा परिसर बेसमेंट युक्त है। सावन-भादौ स्तंभ के नीचे, पालकी महल, जुझार सिंह महल में पहले भी बेसमेंट सामने आ चुके हैं। बहुत संभावना है कि जगह-जगह बने यह बेसमेंट या तो उस समय कर्मचारियों के निवास रहे होंगे या फिर गर्मी से बचने के लिए इनका निर्माण किया गया होगा। रामराजा धर्मशाला के बीच के बड़े आंगन और इससे लगे फूलबाग परिसर को देखकर लगता है कि यहां पर उस समय कोई गार्डन हो और उसके चारों और बैठने आदि के लिए यह मेहराबदार दालान ( बरामदा ) बनाया गया है।
अब तक मिले बेसमेंट

  • सावन-भादौ स्तंभ के नीचे सर्वसुविधा युक्त वातानुकूलित कक्ष
  • जानकी महल के चीने मेहराबदार कक्ष
  • पार्किंग स्थल पर रहवासी बेसमेंट एरिया
  • जुझार सिंह महल के नीचे फव्वारा एवं कक्षनुमा संरचना

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