पुरातत्व विभाग के क्यूरेटर घनश्याम बाथम का कहना है कि यह पूरा परिसर बेसमेंट युक्त है। सावन-भादौ स्तंभ के नीचे, पालकी महल, जुझार सिंह महल में पहले भी बेसमेंट सामने आ चुके हैं। बहुत संभावना है कि जगह-जगह बने यह बेसमेंट या तो उस समय कर्मचारियों के निवास रहे होंगे या फिर गर्मी से बचने के लिए इनका निर्माण किया गया होगा। रामराजा धर्मशाला के बीच के बड़े आंगन और इससे लगे फूलबाग परिसर को देखकर लगता है कि यहां पर उस समय कोई गार्डन हो और उसके चारों और बैठने आदि के लिए यह मेहराबदार दालान ( बरामदा ) बनाया गया है।
- सावन-भादौ स्तंभ के नीचे सर्वसुविधा युक्त वातानुकूलित कक्ष
- जानकी महल के चीने मेहराबदार कक्ष
- पार्किंग स्थल पर रहवासी बेसमेंट एरिया
- जुझार सिंह महल के नीचे फव्वारा एवं कक्षनुमा संरचना