एक माह पहले तक ब्रिज नंबर-94 का निर्माण कार्य धीमी गति से चल रहा था। हालांकि कुछ दिनों से कार्य काफी तेज हो गया। जिसका परिणाम यह रहा कि ब्रिज के साथ ही दोनों तरफ 500-500 मीटर का ट्रैक भी बनकर तैयार हो गया। अब केवल पीएचई लाइन के कार्यों को अंतिम रूप देना शेष रह गया है।
नियम के अनुसार ब्रिज नंबर-94 एवं ट्रैक के निर्माण के बाद कमिश्नर ऑफ रेलवे सेफ्टी(सीआरएस) का निरीक्षण कराना जरूरी है। हालांकि रेलवे से जुड़े जानकारों का कहना है कि अगर सीआरएस चाहें तो जोनल स्तर पर ही एक कमेटी का गठन करके ट्रैक एवं ब्रिज का निरीक्षण करा सकते हैं। कमेटी के हरी झंडी देने के बाद ट्रैक से ट्रेनों का परिचालन शुरु हो जाएगा।
रेलवे से जुड़े जानकारों का कहना है कि सीआरएस या फिर कमेटी ने निरीक्षण के बाद ट्रैक को अप्रूव कर भी दिया तो भी शुरु में एक्सप्रेस ट्रेन नहीं चलाई जाएगी। पहले मालगाड़ी और फिर पैसेंजर ट्रेन चलाने के बाद ही एक्सप्रेस ट्रेनों का परिचालन किया जाएगा। हालांकि यह रेलवे के वरिष्ठ अधिकारियों पर ही निर्भर करेगा।
25 अगस्त 2024 को पांढुर्ना जिले के सौंसर में अधिक वर्षा होने के कारण रेलवे ब्रिज नंबर-94 में दरार आ गई। एसएससी इंजीनियरिंग सौंसर ने इसकी जानकारी तत्काल संबंधित अधिकारियों को दी। जिसके बाद ट्रैक को सस्पेंड कर दिया गया। ब्रिज में दरार की सूचना जैसे ही बिलासपुर जोन एवं रेलवे बोर्ड को लगने पर हडक़ंप मच गया। रेलवे बोर्ड से आई टीम ने ब्रिज में आई दरार को लेकर काफी जांच पड़ताल की। इसके बाद टेंडर प्रक्रिया पूरी की गई। लगभग दो माह बाद नए ब्रिज निर्माण के लिए दोनों तरफ आधा-आधा किलोमीटर की पटरी को भी उखाड़ दिया गया। इसके बाद कार्य शुरु हुआ। अगस्त माह में ही इस रूट से चल रही अधिकतर ट्रेनों को निरस्त कर दिया गया। वहीं नागपुर-शहडोल एक्सप्रेस एवं शहडोल-नागपुर एक्सप्रेस को डायवर्ट मार्ग से चलाया जा रहा है। रीवा-इतवारी एक्सप्रेस लगभग सात माह से निरस्त चल रही है। इस वजह से यात्रियों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।
यात्रियों को जबलपुर, नागपुर पहुंचने के लिए पर्याप्त ट्रेन की सुविधा नहीं है। जबकि सिवनीवासियों ने लंबे समय तक बड़ी रेल लाइन सुविधा का इंतजार किया है। ब्रिज नंबर-94 का कार्य पूरा होने के बाद अब जबलपुर से सिवनी होते हुए छिंदवाड़ा, सौंसर, इतवारी, नागपुर के लिए नई ट्रेनों की भी आस जग गई है।