ग्रामीण क्षेत्र से फ्लाई ऐश से भरे डंपर तेज गति से जाते हैं। ऐसे में ग्रामीणों को हादसे की भी आशंका बनी हुई है। उनका कहना है कि अगर जल्द ही इन पर रोक नहीं लगी तो बड़ी दुर्घटना हो सकती है।
जिस मार्ग से फ्लाई ऐश का परिवहन हो रहा है वह मार्ग नर्मदा परिक्रमा वासियों के लिए प्रमुख मार्ग है। प्राकृतिक सौंदर्य का प्रतीक है। यहीं पर ईको पर्यटन केंद्र पायली स्थित है। परिवहन से पर्यावरण संतुलन बिगड़ रहा है।
फरवरी माह में कलेक्टर एवं जिला दण्डाधिकारी संस्कृति जैन ने प्लांट से निकलने वाली राख से खेती की फसल, वायु प्रदूषण तथा असुरक्षित रूप से फ्लाई ऐश परिवहन की जानकारी को संज्ञान लेते हुए भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता 2023 की धारा 163 के अंतर्गत प्रतिबंधात्मक आदेश जारी किया था। जिसमें प्लांट की राजस्व सीमा में असुरक्षित फ्लाई ऐश का अवैध परिवहन एवं ओवर लोडिंग वाहन को प्रतिबंधित किया गया है। फ्लाई ऐश का परिवहन पूर्णत: फिट एवं वाहनों में कवर्ड कर परिवहन सुनिश्चित करने, फ्लाई ऐश का खाली वाहनों को भी गतव्य स्थल पर ही सफाई सुनिश्चित करने सहित अन्य बिन्दुओं पर आदेश दिए गए थे। इसके बावजूद भी प्रबंधन आदेशों की अवहेलना कर रहा है।
अवैध मार्ग परिवहन की शिकायत पर प्लांट प्रबंधन को शासन द्वारा निर्धारित मार्ग पर ही परिवहन करने को लेकर निर्देशित किया गया है। पूर्व में भी मेरे द्वारा अवैध रास्ते पर पकड़े गए डंपरों को थाने में खड़ा किया गया था। प्लांट प्रबंधन निर्देशों का पालन नहीं करता तो उनके विरुद्ध नियमानुसार कार्यवाही की जाएगी।
अरुण दुबे, नायब तहसीलदार, घंसौर