यह परियोजना न सिर्फ प्रदेश, बल्कि पूरे देश की ऊर्जा ज़रूरतों को नई शक्ति देगी। भीमपुर क्षेत्र में ठंडा मौसम, स्थिर वातावरण और पर्याप्त जलस्रोत जैसे प्राकृतिक संसाधन पहले से ही मौजूद हैं, जिससे इस हाई-टेक प्लांट को पंख मिलेंगे।
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इस मेगा प्रोजेक्ट के लिए जरूरी जल आपूर्ति मडीखेड़ा डैम से की जाएगी। इसके लिए 120 एमसीएम वाटर बैराज और 40 एमसीएम बैलेंसिंग रिजर्व वेल की भी योजना तैयार हो चुकी है। जमीन की पहचान और तकनीकी सर्वेक्षण का काम पहले ही पूरा किया जा चुका है।
प्रदेश को मिल रही है पहली न्यूक्लियर पहचान
गौरतलब है कि अभी मध्यप्रदेश में कोई सक्रिय परमाणु संयंत्र नहीं है। लेकिन भीमपुर प्रोजेक्ट के साथ मप्र का नाम अब देश की न्यूक्लियर मैप पर चमकने को तैयार है। केंद्र सरकार की योजना के तहत राज्य के चार जिलों—शिवपुरी, मंडला, देवास और नीमच—में परमाणु परियोजनाएं प्रस्तावित हैं। यह भी पढ़े –
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हालांकि शिवपुरी के कलेक्टर रविन्द्र चौधरी का कहना है कि उन्हें अभी तक इस संबंध में कोई आधिकारिक सूचना नहीं मिली है। उन्होंने कहा, “सोशल मीडिया पर चल रहे पत्र की जांच करवाई जा रही है। अगर भोपाल स्तर से कोई पत्र आया हो, तो उसकी जानकारी मुझे फिलहाल नहीं है।”