इन वजह से कम हाजिरी
-आवेदन के समय शैक्षिक योग्यता हासिल होने की उम्मीद की वजह से आवेदन किया, लेकिन भर्ती के परिणाम तक शैक्षिक योग्यता हासिल नहीं होना।-परीक्षा की बेहतर तैयारी नहीं होने की वजह से परीक्षा से दूरी।
-सेंटर दूर-दराज मिलने पर परीक्षा देने नहीं जाना।
-परीक्षा वाले दिन और कोई परीक्षा का आ जाना।
-पारिवारिक या स्वयं के कोई परेशानी होने की वजह से परीक्षा नहीं देना।
-परीक्षा से पहले किसी अन्य भर्ती के जरिये सफलता मिलना।
-आगामी परीक्षा की बेहतर तैयारी होने की वजह से जान बूझकर परीक्षा मिस करना।
परीक्षा में हाजिरी बढ़ाने के यह हैं विकल्प
-परीक्षा तिथि से एक महीने पहले बेरोजगारों से परीक्षा में शामिल होने के संबंध में सहमति मांगी जाए। बोर्ड परीक्षा की तैयारी शुरू करेगा तो राजस्व का नुकसान नहीं होगा।-परीक्षा में शामिल होने की सहमति देने के बाद नहीं आने वालों पर जुर्माना लगाया जा सकता है।
– परीक्षा में लगातार शामिल नहीं होने वालों से सबूतों के साथ जानकारी मांगी जा सकती है। जिनका कारण सही नहीं हो उन पर जुर्माना लगाया जा सकता है।
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जुर्माने का प्रावधान गलत
कर्मचारी चयन बोर्ड ने बेरोजगारों के साथ मजाक करने का काम किया है। सरकार भले ही कोई भी हो बेरोजगारों की परीक्षाओं को किसी भी सूरत में कमाई का जरिया नहीं बनाना चाहिए। परीक्षा नहीं देने वालों पर जुर्माना लगाने की व्यवस्था पूरे देश में नहीं है।-बीएल रैवाड़, भर्ती मामलों के विशेषज्ञ