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श्रवण कुमार बेटे: मां को पालकी में बैठाकर करा रहे तीर्थयात्रा, ऐसे ही पूरी करेंगे 5000 किलोमीटर की यात्रा

Khatushyam Ji Devotees: रोजाना 20 किलोमीटर की यात्रा तय करतेे हैं, उसके बाद रात को विश्राम करते हैं। दोनों बेटे मां को खाटूश्यामजी से श्री श्याम के दर्शन करा कर मंगलवार को अजीतगढ़ होते हुए गुजरे थे।

सीकरFeb 12, 2025 / 11:05 am

Akshita Deora

Modern-day Shravan Kumar: उत्तर प्रदेश के रहने वाले दो नौजवानों ने त्रेता युग के श्रवण कुमार की याद दिला दी है, जो नेत्रहीन माता- पिता के पालकी में बैठाकर पैदकर चल कर तीर्थयात्रा करवाता है। यूपी के जिले के बिसौली तहसील के नूरपुर गांव निवासी दो पुत्र तेजपाल और धीरज सैनी 52 वर्षीय मां राजेश्वरी देवी को पालकी में बिठाकर करीब 5000 किलोमीटर की धार्मिक यात्रा पर निकले हुए हैं।

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वे रोजाना 20 किलोमीटर की यात्रा तय करतेे हैं, उसके बाद रात को विश्राम करते हैं। दोनों बेटे मां को खाटूश्यामजी से श्री श्याम के दर्शन करा कर मंगलवार को अजीतगढ़ होते हुए गुजरे थे।
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इस दौरान पत्रिका से बातचीत में उन्होंने बताया कि गोमाता को राष्ट्रीय माता का दर्जा दिलाने एवं माता-पिता की सेवा करने के लिए यह यात्रा शुरू की है। दोनों पुत्र मां राजेश्वरी के साथ 18 दिसंबर 2023 को गांव नूरपुर से रवाना हुए थे। अब तक वे हरिद्वार, मनसा देवी, चंडी देवी, नीलकंठ, और कुंदादेवी, गंगोत्री, यमुनोत्री, केदारनाथ, बद्रीनाथ, अयोध्या एवं राजस्थान में गोगामेड़ी, खाटूश्यामजी के दर्शन कर चुके हैं।
उन्होंने बताया कि अब वे दर्शन के लिए मथुरा एवं वृंदावन जाएंगे। इसके बाद वे गांव चले जाएंगे। उनकी यह सारी धार्मिक यात्रा करीब 5000 किलोमीटर की होगी। दोनों ने बताया कि रात को वे जहां रुकते हैं, वहां या तो कोई धार्मिक व्यक्ति भोजन दे देता है या वे दुकान में भोजन कर लेते हैं।
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उनका कहना है कि उनके एक बहन है जिसकी शादी हो चुकी है। उनके पिता का निधन हो चुका हैं। वे दोनों भाई अविवाहित हैं। इधर कस्बे के लोगों का कहना है कि इस कलयुग में भी ऐसे पुत्र हैं जो अपना धर्म निभाते हुए अपनी माता को पालकी में बैठा कर यात्रा करा रहे हैं।

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