मसलन, श्रीमाधोपुर की नालोट निवासी अंजली गुर्जर पुत्री ओमप्रकाश गुर्जर का ही केस लें तो रीट लेवल दो की इस परीक्षार्थी ने परीक्षा केंद्र के लिए सीकर को पहली व जयपुर को दूसरी प्राथमिकता के रूप में चुना था। बावजूद इसके उसे ब्यावर में परीक्षा केंद्र मिला है। ऐसे में रीट परीक्षा से पहले उसे भीड़ के बीच परीक्षा केंद्र पहुंचने की बड़ी परीक्षा देनी होगी।
जिले में 51 केंद्रों पर होगी परीक्षा
सीकर जिले में रीट परीक्षा 51 केंद्रों पर होगी। तीन पारियों में आयोजित होने वाली परीक्षा में लेवल-1 व 2 के 16 हजार से ज्यादा परीक्षार्थी शामिल होंगे। परीक्षा को लेकर जिला प्रशासन तैयारियों में जुटा है। चुनाव की तरह जारी हुआ एसओपी
रीट के निष्पक्ष व पारदर्शी तरीके से कराने के लिए माध्यमिक शिक्षा बोर्ड ने चुनावों की तरह एसओपी (स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग सिस्टम) जारी किया है। इसमें संबंधित अधिकारियों को पेपर व ओएमआर शीट की सुरक्षा, परिवहन, गोपनीयता, कानून व्यवस्था, परीक्षार्थियों की जांच व सुविधाओं सहित अन्य महत्वपूर्ण व्यवस्थाओं के बारे में दिशा-निर्देश जारी किए गए हैं।
शिक्षक: शिवरात्रि पर नहीं हो तैयारी बैठक
बोर्ड की ओर से रीट परीक्षा में ड्यूटी वाले शिक्षकों की 26 फरवरी को बैठक कराने के आदेश जारी किए है। इसको लेकर भी शिक्षक संगठनों में आक्रोश है। इस मामले में राजस्थान प्राथमिक एवं माध्यमिक शिक्षक संघ के प्रदेश अध्यक्ष विपिन प्रकाश शर्मा ने बताया कि विभाग को तैयारी बैठक 26 के स्थान पर 25 फरवरी को करानी चाहिए।
सामान्य श्रेणी वालों के लिए होगी मुश्किल
राजस्थान अध्यापक पात्रता परीक्षा (रीट) में सामान्य श्रेणी के आवेदकों के लिए दूसरे राज्यों के युवा मुश्किल पैदा करेंगे। राजस्थान में करीब एक लाख पचास हजार युवक युवतियां दूसरे राज्यों के हैं, जो रीट देंगे। खास बात यह है कि अधिकतर सामान्य श्रेणी के हैं। इनकी मेरिट भी सामान्य श्रेणी की बनेगी। इससे स्थानीय अभ्यर्थियों के सामने चुनौती आ सकती है। इसमें सबसे ज्यादा परेशानी झुंझनूं जिले के अभ्यथियों को हो सकती हैं। यहां सीमावर्ती हरियाणा राज्य के अभ्यर्थी बड़ी तादाद में परीक्षा देने आएंगे। इनके लिए तीन सेंटर बनाए गए हैं। ये रहेंगे पासिंग मार्क्स
राजस्थान शिक्षक पात्रता परीक्षा रीट में सफल होने के लिए सामान्य वर्ग के पुरुष अभ्यर्थियों को कम से कम 60 प्रतिशत अंक प्राप्त करने होंगे। हालांकि, सरकार ने विभिन्न आरक्षित श्रेणियों के लिए उत्तीर्ण अंकों में छूट प्रदान की है। आदिवासी बहुल क्षेत्र (टीएसपी) के अनुसूचित जनजाति एवं सहरिया जनजाति के अभ्यर्थियों के लिए न्यूनतम उत्तीर्ण अंक 36 प्रतिशत निर्धारित किए गए हैं। एससी, ओबीसी), अति पिछड़ा वर्ग (एमबीसी और ईडब्लूएस 55 प्रतिशत, विधवा एवं परित्यक्ता महिलाएं, भूतपूर्व सैनिक के 50 व दिव्यांग अभ्यर्थी 40 फीसदी अंक है।
ये बदलाव किए
इस बार परीक्षा पैटर्न में कुछ महत्वपूर्ण बदलाव किए गए हैं। पहले जहां चार विकल्प होते थे, अब उम्मीदवारों को पांच उत्तर विकल्प मिलेंगे। गलत उत्तरों के लिए निगेटिव मार्किंग भी होगी। इसलिए उम्मीदवारों को सोच समझ कर उत्तर देना होगा। एक और महत्वपूर्ण बदलाव यह है कि कोई अभ्यर्थी 10 प्रतिशत से अधिक प्रश्नों के लिए किसी भी विकल्प का चयन नहीं करता है, तो उसे अपात्र माना जाएगा। कोई अभ्यर्थी 10 तक प्रश्न अनुत्तरित छोड़ देता है, तब भी नकारात्मक अंकन (नेगेटिव मार्किंग) लागू होगा।
चेहरे की पहचान के बाद होगी एंट्री
रीट परीक्षा में पेपर लीक व फर्जीवाड़े को रोकने के लिए व्यापक व्यवस्था होगी। हैंड-हेल्ड मेटल डिटेक्टर से जांच व बॉयोमेट्रिक हाजरी के अलावा परीक्षा केंद्र पर पहली बार परीक्षार्थियों का फेस रेकग्निशन होगा। परीक्षार्थियों का चेहरा आवेदन पत्र में लगे फोटो से मेल खाने पर ही उन्हें परीक्षा केंद्र में प्रवेश दिया जाएगा। केंद्र पर परीक्षा स्टाफ के लिए भी मोबाइल पूरी तरह से प्रतिबंधित किया गया है। पूरी परीक्षा में केवल केंद्राधीक्षक के पास ही मोबाइल रहेगा, वो भी की—पैड वाला साधारण मोबाइल ही रख सकेंगे।