राजस्थान सरकार जागे तो प्रदेश में खेल बन सकता है रोजगार का विकल्प, शुरू हों नए पाठ्यक्रम तो युवाओं को मिले राहत
Sikar News: प्रदेश में अभी स्पोर्ट्स को महज मनोरंजन का जरिया माना जाता है, जबकि बदलते दौर में स्पोर्ट्स सेक्टर में रोजगार के नए-नए विकल्प सामने आ रहे है।
अजय शर्मा सीकर। एक तरफ बढ़ती बेरोजगारी हर सरकार के लिए बड़ा मुद्दा बनी हुई है। दूसरी तरफ कई क्षेत्रों में बेहतर कॅरियर के विकल्प होने के बाद भी सरकार व युवाओं की ओर से नई राहें नहीं तलाशी जा रही है। प्रदेश में अभी स्पोर्ट्स को महज मनोरंजन का जरिया माना जाता है। जबकि बदलते दौर में स्पोर्ट्स सेक्टर में रोजगार के नए-नए विकल्प सामने आ रहे है।
इसके बाद भी सरकार की ओर से स्पोर्ट्स सेक्टर के जरिए युवाओं को रोजगार उपलब्ध कराने के लिए कोई बेहतर रोडमैप नहीं है। सरकार यदि स्पोर्ट्स से जुड़े नए पाठ्यक्रम शुरू करने के साथ नए खेल स्कूल व विवि शुरू करती है तो युवाओं की उम्मीदों को धरातल मिल सकता है। एक्सपर्ट का कहना है कि कोरोना के बाद स्पोर्ट्स सेक्टर में लगातार प्रशिक्षकों से लेकर ग्राउंडमैन, अंपायर, फिटनेस गुरु सहित अन्य की डिमांड काफी बढ़ी है। वहीं ई-स्पोर्ट्स के जरिए भी युवाओं को कॅरियर के बेहतर ऑप्शन मिल सकते है।
दर्द: बीपीपीएड कॉलेज कम, बड़े स्तर पर पकड़ में आया घपला
शिक्षा विभाग की ओर से पिछली सरकार के समय शारीरिक प्रशिक्षकों की बड़े स्तर पर भर्ती की। प्रदेश में बीपीएड के दस से कम कॉलेज होने की वजह से सैकड़ों युवाओं ने दूसरे राज्यों से बीपीएड की पढ़ाई की। इसमें कई विश्वविद्यालयों का फर्जीवाड़ा सामने आने पर 200 से अधिक युवाओं की नौकरी चली गई।
ऐसे खुल सकते है रोजगार के विकल्प
1. प्रदेश के विश्वविद्यालयों में फिलहाल स्पोर्ट्स से जुड़े पाठ्यक्रम शुरू नहीं हुए है। एक्सपर्ट का कहना है कि यदि प्रदेश के सभी विश्वविद्यालयों में यदि डिप्लोमा पाठ्यक्रम शुरू हो तो युवाओं को कॅरियर के आसानी से ऑप्शन मिल सकते है।
2. प्रदेश में खिलाड़ी तैयार करने के लिए खेल मैदानों का टोटा है। सरकार हर ब्लॉक में मिनी खेल स्टेडियम शुरू करे तो युवाओं को आसानी से रोजगार मिल सकता है। वहीं निजी एकेडमी को प्रोत्साहन, फिटनेस सेंटर व स्पोर्ट्स गाईडेंस सेंटर से रोजगार के विकल्प बढ़ाए जा सकते है।
3. फिलहाल राजस्थान राज्य क्रीड़ा परिषद की ओर से ही खेल एकेडमी की तर्ज पर स्पोर्ट्स स्कूलों का संचालन किया जा रहा है। सरकार की ओर से हर जिले में शिक्षा विभाग व खेल विभाग के समन्वयक से स्पोर्ट्स स्कूलों का संचालन हो तो प्रदेश में युवाओं का खेलों से जुड़ाव बढ़ सकता है। वहीं खेलों में कॅरियर बनाने वाले युवाओं के लिए स्पोर्ट्स कॉलेज की मांग है।
टॉपिक एक्सपर्ट…
कोरोना के बाद स्वास्थ्य को लेकर जागरूकता बढ़ी है। इस वजह से खेल मैदानों पर भी लगातार सभी वर्ग के खिलाड़ियों की संख्या बढ़ रही है। स्पोर्ट्स में भी अब सभी आयु वर्ग के लिए प्रतियोगिता आयोजित होने लगी है। सरकार की ओर से डिप्लोमा पाठ्यक्रम शुरू किए जाते है तो युवाओं को रोजगार मिल सकता है। -दिनेश माथुर, एनआईएस कोच, सीकर