चितरंगी ब्लॉक के चकरिया गोल्ड माइंस (23.60 हेक्टेयर) मेसर्स गरिमा नेचुरल रिसोर्सेस को, जबकि गुरहर पहाड़, सिल्फोरी और सिधार (149 हेक्टेयर), अमिलहवा (1000 हेक्टेयर) और सोन कुरवा (260 हेक्टेयर) गोल्ड ब्लॉक मेसर्स कुंदन गोल्ड माइंस को आवंटित किए गए हैं।
मिसिरगवां आयरन ब्लॉक (1550 हेक्टेयर) रॉकस्टोन डेवलपर्स प्राइवेट लिमिटेड को मिला है। खनिज विभाग के अनुसार, इन ब्लॉकों में ड्रिलिंग और ट्रंचिंग का कार्य शुरू हो गया है। इससे खनिज की कुल उपलब्ध मात्रा का आकलन किया जाएगा। इसके बाद उत्पादन कार्य की दिशा तय की जाएगी।
250 करोड़ की आमदनी का अनुमान
विभाग के मुताबिक इन खदानों से 200 से 250 करोड़ की आमदनी होने का अनुमान लगाया जा रहा है। गोल्ड एवं आयरन के लिए आवंटित ब्लॉकों में ड्रिलिंग एवं ट्रंचिंग का कार्य शुरू होने से क्षेत्र के लोगों में खुशी भी देखी जा रही है। इसके शुरू होते ही रोजगार के साथ राजस्व भी बढ़ेगा। जीएसआइ की सर्वे रिपोर्ट से जानकारी मिल रही कि गोल्ड खदानों से खुदाई करने पर 1 टन मटेरियल में एक से डेढ़ ग्राम तक गोल्ड के निकलने की संभावना है। इसकी जांच कंपनी अपने तरीके से कर रही है। गुरहरा पहाड़ की खदान में कोर ड्रिलिंग मशीन से काम चल रहा है।
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केंद्र से गोल्ड खदान की स्वीकृति मिलने और टेंडर प्रक्रिया पूरी होने के बाद सोनपुरवा गोल्ड समेत अन्य खदानों के लिए वन विभाग से एनओसी प्राप्त नहीं हुई है। जबकि फाइल प्रक्रिया विचाराधीन है। खनिज विभाग कार्यालय से वन विभाग के पास एनओसी के लिए फाइल पूर्व में भेज दी गई है। उम्मीद है कि जल्द ही वन विभाग से एनओसी मिल जाएगी।