यह था मामला अधिवक्ता सुमेर सिंह ने बताया कि शिवगंज तहसील के आखापुरा गांव निवासी 44 वर्षीय भंवर सिंह व उसका भाई भीमसिंह 12 अगस्त, 2015 को फसल की रखवाली करने के लिए अपने कृषि कुएं पर गए थे। रात को 12 बजे दोनों भाई खेत पर बने झूपे में सो गए। रात करीब 2 से 3 बजे के बीच भीमसिंह ने भाई भंवरसिंह को फसल की रखवाली के लिए जगाया। वह उठकर लघुशंका के लिए गया तो ट्रांसफार्मर के पास लगे अर्थ के तार के संपर्क में आया, जिससे करंट लगने से वह झुलस गया। उसके चिल्लाने पर भीमसिंहदौड़कर गया तो पह मौके पर तड़प रहा था। उसे तत्काल सिरोही के राजकीय अस्पताल ले जाया गया, जहां चिकित्सक ने भंवरसिंह को मृत घोषित कर दिया।
इस मामले में परिजनों ने बरलूट पुलिस थाने में जोधपुर विद्युत वितरण निगम के खिलाफ लापरवाही से मौत होने का मामला दर्ज कराया था। न्यायालय आदेश के 4 साल बाद भी नहीं दिया मुआवजा
करण में सैशन न्यायालय ने 2021 में पीडि़त परिवार को 10 लाख 83 हजार 510 रुपए मुआवजा व 2017 से ब्याज देने के आदेश दिए थे, लेकिन बिजली निगम की ओर से न्यायालय के आदेश के 4 साल बाद भी पीडि़त परिवार को मुआवजा राशि नहीं दी गई। इस पर न्यायालय ने अधीक्षणअभियंता कार्यालय सिरोही को कुर्क कर न्यायालय के अधीन लेने के आदेश दिए। जिस पर कार्यालय भवन को सील किया गया।
बाहर बैठे रहे कर्मचारी इधर, कार्यालय सील होने से कर्मचारी काफी देर तक बाहर बैठे रहे। बाद में धीरे-धीरे कई कर्मचारी अपने घर के लिए रवाना हो गए।