जिला लहसुन फसल में क्षेत्रफल, उत्पादन और उत्पादकता की दृष्टि से राजस्थान में प्रथम स्थान रखता है। पिछले सालों में राज्य में लहसुन की औसत 89 हजार 805 हैक्टेयर में बुवाई होकर औसत उत्पादकता 5916 किलोग्राम रही है। इसमें बारां जिले का औसत क्षेत्रफल 30 हजार 714 हैक्टेयर रहा और उत्पादकता 6133 किलोग्राम रही है। लहसुन उत्पादन को लेकर की जिले की छीपाबड़ौद व बारां को विशेषत: लहसुन मंडी घोषित किया गया। यहां पिछले तीन साल से औसतन 16 लाख क्विंटल लहसुन पहुंच रहा है। इस वित्तीय वर्ष में भी करीब 9 लाख क्विंटल लहसुन पहुंच चुका है।
इसमें होता है उपयोग लहसुन का मुख्य उपयोग मसालों में किया जाता है। लहसुन की कलियां, पेस्ट एवं पाउडर का उपयोग सब्जियों, पापड़, दवाइयां आदि बनाने में किया जाता है। अभी बारां में महज 8 ग्रेडिंग व एक प्रोसेसिंग प्लांट है। जिले में क्षेत्र व उत्पादकता के आधार पर मंडियों की स्थापना, प्रसंस्करण इकाई में ग्रेडिंग, ग्राइंडिंग, पैकेजिंग आदि की स्थापना हो जाए तो जिले में मसाला आधारित प्रसंस्करण को सशक्त बनाया जा सकेगा।
फसल विविधता की ओर बढ़ा रुझान पिछले दशकों में जिला कृषि खाद्यान्न एवं तिलहन उत्पादन तक ही सीमित था, लेकिन पिछले कुछ वर्षों में कृषि फसल विविधता की ओर कृषकों का रुझान बड़ा है। इससे खेती के स्वरूप में धीरे-धीरे परिवर्तन देखने का मिल रहा है। पहले जहां खाद्यान्न,् तिलहन फसलों का उत्पादन किया जाता था। आज यहां व्यापारिक मसाला फसलों का उत्पादन भी हो रहा है। इसका प्रमुख कारण जिले की जलवायु मसाला फसल उत्पादन की दृष्टि से अनुकूल है। जो इसके उत्पादन एवं क्षेत्रफल में निरन्तर वृद्धि कर रही है। लहसुन फसल आर्थिक दृष्टि से कृषकों की स्थिति मजबूत करने में रीड़ की हड्डी साबित हुआ है।
ऐसी है जिले की भौगोलिक स्थिति जिले का कुल भौगोलिक क्षेत्रफल अन्तर्गत 699461 हैक्टेयर है। इसमें 449000 हैक्टेयर कुल बुवाई योग्य भूमि है। जिले में चिकनी दोमट से लेकर कपासी काली मिट्टी पाई जाती है। जो कि जलधारण करने की प्रबल क्षमता रखती है। जिले की औसत वर्षा 900 मिमी वार्षिक है। जिले में कुल 174615 जोत धारक कृषक हैं। इसमें 1.04 लाख से अधिक लघु एवं सीमान्त श्रेणी के कृषक हैं। शेष 70 हजार में अर्धमध्यम एवं बडे कृषकों की संख्या है। जिले में मुख्य रूप से उद्यानिकी फसलों के अन्तर्गत लहसुन, धनिया, नीबू एवं आंवला की खेती प्रमुख रूप से की जाती है।
देश-विदेश में पहुंचता है जिले का लहसुन बारां जिले में उत्पादित होने वाले लहसुन की अधिकतर फसल ग्रेडिंग करके बाहर के बाजार में भेजी जाती है। इसमें देश के तमिलनाडू, कर्नाटक, महाराष्ट्र, उडि़सा, छत्तीसगढ़, पश्चिम बंगाल, बिहार, उत्तरप्रदेश, असम, दिल्ली तथा राजस्थान के विभिन्न जिलों समेत दिल्ली और वहां से विदेशों मुख्यत: खाड़ी देशों में भी भिजवाया जाता है।
जिले में प्रोसेसिंग यूनिटों की दरकार जिला प्रदेश का सर्वाधिक लहसुन उत्पादक जिला है। लेकिन यहां से ज्यादातर लहसुन की फसल को बाहर बिक्री के लिए भेजा जाता है। मंडियों में वर्ष पर्यन्त लहसुन की आवक होती है। सीजन में लहसुन की बम्पर आवक रहती है। लेकिन यहां लहसुन प्रोडेक्ट बनाने की कोई यूनिटें स्थापित नही होने से व्यापारी व बड़े किसान दोहरा लाभ नहीं ले पाते हैं।