Sukma Encounter: आईजी बोले- सरेंडर करें या परिणाम भुगतें
एसपी किरण चव्हाण ने बताया कि सुकमा जिले के किस्टाराम थाना क्षेत्र में
नक्सलियों के उपस्थिति की सूचना पर 28 फरवरी को सुकमा डीआरजी और कोबरा की संयुक्त पार्टी नक्सल विरोधी सर्च अभियान में रवाना हुई थी।
इस दौरान 1 मार्च को गुण्डराजगुड़ेम में जंगल में सर्चिंग करते हुए सुरक्षा बल के जवान आगे बढ़ रहे थे तभी घात लगाए नक्सलियों ने सुरक्षा बल के जवानों पर फायरिंग शुरू कर दी। जवानों ने भी जवाबी कार्रवाई करते हुए दो नक्सलियों को ढेर कर दिया।
एक महिला और एक पुरूष वर्दीधारी नक्सली का शव हथियार बरामद हुआ है। बस्तर आईजी सुन्दरराज पी ने बताया कि विगत 60 दिनों में बस्तर रेंज में 67 हार्डकोर नक्सलियों के शव बरामद किए गए है। नक्सलियों के पास अब हिंसा छोडक़र आत्मसमर्पण करने के अलावा और कोई विकल्प नहीं बचा है। इसलिए नक्सल संगठन से अपील है कि वे तत्काल हिंसात्मक गतिविधियों को छोडक़र समाज की मुख्य धारा से जुड़े, अन्यथा परिणाम भुगतने को तैयार रहें।
सीएम साय ने पीठ थपथपाई
Sukma Encounter: मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने कहा कि जब से
छत्तीसगढ़ में डबल इंजन की सरकार बनी है, नक्सलवाद के खात्मे के लिए चलाए जा रहे अभियान को नई गति और दिशा मिली है। यह लड़ाई अब अपने निर्णायक चरण में है।
मुख्यमंत्री साय ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह का संकल्प है कि 31 मार्च 2026 तक छत्तीसगढ़ से नक्सलवाद का संपूर्ण रूप से अंत किया जाएगा। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार और सुरक्षाबलों की संयुक्त रणनीति से नक्सलवाद पर निर्णायक प्रहार किया जा रहा है।