जीत के बाद अल्काराज ने कहा, “यह टूर्नामेंट मेरे लिए खास है। मैं एक बार फिर ट्रॉफी उठाकर खुश हूं। मैं बिना किसी उम्मीद के यहां आया था। बस अच्छा टेनिस खेलने की कोशिश रही। मैं भाग्यशाली था कि चैंपियन बना। यहां मेरे बहुत सारे दोस्त और परिवार हैं, जिन्होंने मुझे कोर्ट के अंदर और बाहर वास्तव में सहज महसूस कराया।”
फाइनल में दिखाया अनुभव, निर्णायक सेट में तोड़ी लेहेका की चुनौती
फाइनल मुकाबले में अल्काराज ने पहले सेट में 7-5 की बढ़त बनाई। दूसरे सेट में टाई-ब्रेक में मामूली अंतर से हार गए, लेकिन तीसरे और निर्णायक सेट में जबरदस्त वापसी करते हुए 6-2 से सेट और मैच दोनों अपने नाम किया। लेहेका के लिए यह पहला ग्रास-कोर्ट फाइनल था, जबकि अल्काराज ने अपने ग्रास करियर का चौथा खिताब जीतकर अपनी महारत साबित की।
ग्रास कोर्ट पर इतिहास रचने वाले गिने-चुने खिलाड़ियों में शामिल
अल्काराज अब नोवाक जोकोविच, माटेओ बेरेटिनी, टेलर फ्रिट्ज और निकोलस माहुत के साथ उन एकमात्र सक्रिय खिलाड़ियों में शामिल हो गए हैं जिन्होंने ग्रास कोर्ट पर चार या उससे अधिक खिताब जीते हैं। मियामी ओपन से बाहर होने के बाद से उन्होंने अद्भुत फॉर्म दिखाया है, जिसमें उनका रिकॉर्ड 27-1 का रहा। उन्होंने इस बीच मोंटे-कार्लो, रोम, रोलैंड गैरोस और अब लंदन जैसे प्रतिष्ठित टूर्नामेंट भी अपने नाम किए। इसके साथ ही उन्होंने पीआईएफ एटीपी लाइव रेस टू ट्यूरिन में जैनिक सिनर पर अपनी बढ़त को भी मजबूत कर लिया है।
लेहेका ने भी जीता दिल, बोले — “मैंने अपना सबकुछ दिया”
फाइनल गंवाने के बाद लेहेका ने कहा, “मेरे लिए अब शब्द ढूंढ़ने मुश्किल हैं। लेकिन, मैं बहुत खुश हूं कि मुझे आज खिताब के लिए लड़ने का मौका मिला। मैंने आज अपना सबकुछ दिया, दुर्भाग्य से यह पर्याप्त नहीं था। कार्लोस और उनकी टीम को शानदार काम करने के लिए बधाई।”