बताया गया कि टीकमगढ़ में 64 और निवाड़ी में 23 प्राथमिक कृषि साख सहकारी संस्थाएं संचालित हैं। इन संस्थाओं से 55 हजार से अधिक किसानों ने राज्य और केंद्र की विभिन्न योजनाओं से शून्य ब्याज पर कम समय के नाम पर ऋण लिया है। लिए गए ऋण को चुकाने में किसान बैंकों से दूरी बना रहे हैं। सबसे ज्यादा परेशानियां उन किसानों को हो रहीं हैं जो डिफॉल्टर की श्रेणी में आ गए हैं। ऐसे किसानों की सूची बैंकों ने तैयार कर ली है। आगामी समय में इन किसानों से ऋण की राशि को वसूला जाएगा। ऐसे १८ हजार के करीब किसानों को बैंकों ने डिफॉल्टर घोषित कर दिया है।
जिले का किसान कर्ज के बोझ से निकल नहीं पा रहा है। चालू वित्तीय वर्ष में किसानों को करीब ७२ करोड़ का कर्ज दिया गया है। इसकी राशि भी जमा नहीं की गई है और रबी सीजन में ३५ करोड़ रुपए का कर्ज वितरण किया है। हालांकि बिना कर्ज के किसान कोई कार्य नहीं कर पा रहे हैं। सहकारिता विभाग के आंकड़े देखें तो जिले एक से छह साल में ५५ हजार किसान कर्ज लिए हैं।
इन योजनाओं पर मिलता है ऋण कृषि उत्पादकता बढ़ाने के लिए राज्य सरकार की योजना अनुसार किसानों के लिए ऋण योजनाएं चलाई जा रही हैं। योजनाओं के तहत किसानों को अल्पकालीन समय के लिए ऋण दिया जाता है। ऋण देने के लिए सहकारी बैंक कई तरह की योजनाएं चलाती हैं। इसमें प्रमुख रूप से मुख्यमंत्री कृषि ऋण योजना, केंद्रीय ब्याज अनुदान योजना, किसान क्रेडिट कार्ड योजना, पीएम किसान सम्मान निधि जैसी कई योजनाएं हैं।
इनका कहना है &किसानों को चिन्हित किया जा रहा है। ऋणी किसानों से वसूली का कार्य किया जा रहा है। कई किसान ऐसे हैं, जो समय पर ऋण चुका देते हैं। खरीफ और रबी सीजन में जो वितरण किया गया है। उसके लिए वसूली अभियान चलाया जाएगा।
राजेश श्रीवास्तव, महाप्रबंधक सहकारी मर्यादित केंद्रीय बैंक टीकमगढ़।