जिले में मिनी आंगनबाड़ी केंद्रों में पहले से सहायिकाएं नियुक्त नहीं थी, जिससे कार्यकर्ताओं को सभी कार्य अकेले संभालने पड़ते थे। हालांकि मिनी आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं के समान जिम्मेदारियां निभानी पड़ती थी, लेकिन वेतन काफ ी कम मिलता था। लंबे समय से मिनी आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं ने नियमितीकरण और वेतन बढ़ोत्तरी की मांग चल रही है। शासन के निर्देश पर जिले की मिनी आंगनबाड़ी केंद्रों अपग्रेड किया गया है।
मिनी आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को नियमित आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं का दर्जा मिल गया है। कार्यकर्ताओं का वेतन भी बढ़ गया है। केंद्रों में सहायिकाओं की नियुक्ति से काम का दबाव कम होगा। केंद्रों की कार्यप्रणाली अधिक प्रभावी और व्यवस्थित होगी। १९६ महिलाओं को रोजगार के अवसर प्राप्त होंगे। अपग्रेडेशन के बाद कार्यकर्ताओं और सहायिकाओं दोनों को बेहतर सुविधाएं मिलेंगी। यह कदम न केवल आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं के जीवन में सुधार लाएगा, बल्कि बाल विकास परियोजनाओं को भी अधिक प्रभावी बनाने में मदद करेगा।
स्कूलों में दाखिलें के लिए न्यूनतम 6 वर्ष की आयु के विपरीत अब सरकारी स्कूलों में 3 वर्ष तक के बच्चों की कक्षाएं लगेंगी। यह निर्णय नई शिक्षा नीति के तहत लिया जा रहा है। नई शिक्षा नीति में कक्षा 1 में आने से पहले बच्चों को अब शाला पूर्व शिक्षा के रूप में तीन साल आंगनबाड़ी केंन्द्रों के माध्यम से अतिरिक्त कराई जाएगी। इस पढ़ाई में सुविधा की दृष्टि से सरकार ने स्कूल और आंगनबाडिय़ों को टैग करने का निर्णय लिया है।
१०९७ जिले में आंगनबाड़ी केंद्र
१९६ जिले में मिनी आंगनबाड़ी से आंगनबाड़ी में अपग्रेड
४४०७४ छह महीने से तीन वर्ष तक के नौनिहाल
६३७८७ तीन वर्ष से छह वर्ष के नौनिहाल
इनका कहना
जिले की मिनी आंगनबाड़ी केंद्रों को आंगनबाड़ी केंद्र में अपग्रेड किया गया है। इन केंद्रों का एरिया बढऩे के साथ सहायिका भी मिल गई है। अब नौनिहालों की पढ़ाई के साथ कुपोषण से लडऩे के लिए सुविधाएं भी मिल गई है।
ऋतुजा चौहान- जिला कार्यक्रम अधिकारी टीकमगढ़।