न्यायालय ने सीबीएफसी की दिलाई याद
न्यायालय ने राज्य के वकील की इस दलील पर भी ध्यान दिलाया कि केंद्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड (सीबीएफसी) ने पहले ही फिल्म को प्रदर्शन के लिए मंजूरी दे दी है। न्यायालय के आदेश में कहा गया है, “विद्वान राज्य अधिवक्ता ने सेबिन थॉमस बनाम भारत संघ’ एवं अन्य के निर्णय की ओर ध्यान आकर्षित करते हुए कहा है कि एक बार संवैधानिक अधिकारियों द्वारा प्रमाणन जारी कर दिए जाने के बाद, यह अनुमान लगाया जा सकता है कि फिल्म प्रमाणन के लिए उपयुक्त है।
उन्होंने यह भी प्रस्तुत किया कि आज तक, राज्य पुलिस द्वारा कोई अपराध दर्ज नहीं किया गया है। इन प्रस्तुतियों के आलोक में, अंतरिम राहत के लिए याचिकाकर्ता की प्रार्थना को अस्वीकार किया जाता है। मामले की सुनवाई केरल उच्च न्यायालय की छुट्टी के बाद की जाएगी।”
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याचिका के अनुसार, फिल्म में ऐसे दृश्य हैं जो 2002 के गोधरा दंगों का संदर्भ देते हैं और रक्षा मंत्रालय के बारे में अनुचित टिप्पणी करते हैं, इसके अलावा केंद्रीय जांच एजेंसियों को इस तरह से चित्रित करते हैं जो उनकी विश्वसनीयता और ईमानदारी को कमजोर करता है।
इस बीच, इससे पहले दिन में फिल्म के निर्माताओं में से एक एंटनी पेरुंबवूर ने कहा कि पूरी फिल्म टीम ने 24 कट के साथ फिर से संपादन (स्क्रीनिंग) करने का फैसला किया है और संशोधित संस्करण बुधवार से दुनिया भर में प्रदर्शित होने की उम्मीद है।