किसान महापंचायत के ब्लॉक अध्यक्ष दशरथ सिंह चौहान ने बताया कि मानसून के दौरान अतिवृष्टि से निवाई क्षेत्र के किसानों की फसलें बर्बाद हो गई थी। फसल खराबे को लेकर पटवारियों और तहसीलदार द्वारा फसल खराबे के मुआवजे की गलत रिपोर्ट पेश कर दी जिससे क्षेत्र के किसानों के साथ अन्याय हुआ है।
किसानों की 80 प्रतिशत तक फसलें हो गई थी नष्ट
राजस्व विभाग की गलत रिपोर्ट के कारण निवाई क्षेत्र के किसानों को नहीं मुआवजा नहीं मिल पा रहा है। इस वर्ष अतिवृष्टि के कारण निवाई क्षेत्र के किसानों की करीब 80 प्रतिशत तक फसलें नष्ट हो गई थी। इसके लिए किसान महापंचायत द्वारा जिला व उपखंड प्रशासन को कई बार ज्ञापन देकर किसानों के साथ न्याय करने के लिए राज्य सरकार से फसल खराबे के मुआवजे की मांग की थी।
तहसीलदार को दिया था ज्ञापन
ब्लॉक अध्यक्ष ने बताया कि 13 जनवरी को किसान महापंचायत द्वारा तहसीलदार को ज्ञापन देकर प्रत्येक ग्राम पंचायत में कितनी बारिश हुई है, इसकी सूचना उपलब्ध कराने के लिए कहा गया था। इसकी रिपोर्ट तहसीलदार द्वारा 31 जनवरी को दी गई।
वर्षा मापक यंत्र स्थापित नहीं
उन्होंने बताया कि तहसील निवाई क्षेत्र में ग्राम पंचायत वार वर्षा मापक यंत्र स्थापित नहीं है। केवल तहसील कार्यालय में वर्षा मापक यंत्र स्थापित है जिसके रेकॉर्ड अनुसार जुलाई माह में 290.50 एमएम, अगस्त में 812.50 एमएम, सितंबर में 115 एमएम बारिश हुई है। इस आधार पर निवाई क्षेत्र की तीन ग्राम पंचायतों को फसल खराबे के मुआवजे के लिए चुना है। जबकि ग्राम पंचायत अनुसार रेन गेज डाटा नहीं है तो उन्होंने इन तीन ग्राम पंचायतों को किस आधार से मुआवजे के लिए चुन लिया। यह सवाल निवाई तहसील के किसानों को सोचने के लिए विवश कर रहा है। नहीं तो करेंगे आंदोलन
राजस्व विभाग द्वारा मुआवजे की इस चयन प्रक्रिया की सत्यता की जांच करने के लिए और सभी को मुआवजा दिलवाने के लिए निवाई किसान महापंचायत प्रतिनिधिमंडल जिला कलक्टर मिलकर सभी किसानों को मुआवजा दिलाने की गुहार लगाएगी। यदि समस्या का समाधान नहीं किया तो किसान महापंचायत द्वारा आंदोलन किया जाएगा।