रहस्यमयी गिरफ्तारी का सिलसिला
- गिरफ्तार होने वाला आरोपी
- नाम: दलाई उप्पल पुत्र स्व. दलाई पोथा राजू
- ठिकाना: तेलंगाना के रामागुंडम, मातांगी कॉलोनी
मेट्रीमोनियल साइट्स के माध्यम से महिलाओं से करता था संपर्क
इसी सप्ताह की कार्रवाई: वाराणसी के चितईपुर थाना क्षेत्र की एक महिला की शिकायत मिलते ही पुलिस सक्रिय हुई। महिला ने कथित पति की रक्तचाप और असलियत की गहरी जानकारी लेने के बाद एफआईआर दर्ज कराई। इसके बाद पुलिस ने आरोपी की पहचान कर उसे कन्दवा इलाके के घर से दबोच लिया।ठगी का तरीका: झूठी शख्सियत और गुप्त पहचान
पुलिस पूछताछ में आरोपी ने खुलासा किया कि वह महिलाओं से मोटिवेशनल वेबसाइट्स और मेट्रीमोनियल साइट्स पर संपर्क करता था। खुद को कभी “जोसफ”, “विक्रम”, “मेजर” या “NSG कमांडो” बताकर वह महिलाओं का विश्वास जीता।वे उन्हें सेना, सुरक्षा बलों या NSG जैसे ऊँचे पदों पर होने का भ्रम देते, जिससे महिलाएं प्रभावित होतीं।
शादी, पैसे और इमोशनल ब्लैकमेल
- fake identities की मदद से आरोपी ने कुछ महिलाओं से शादी भी की, जबकि कई अन्य को प्रेम-भेजी रकम दी गई।
- समय के साथ, वह भावनात्मक दबाव और धमकियों से पैसे वसूलने लगा।
- शिकायतकर्ता महिला ने बताया कि वह लगातार धमकियाँ, लाठी-डंडे की बातें और देर रात कॉल कर उसे तनाव में डालता था।
सबूतों की बरामदगी
- फर्जी आईडी कार्ड और दस्तावेज
- एनएसजी/सेना संबंधी मेडल
- यूनिफॉर्म की तस्वीरें
- मोबाइल और लैपटॉप, जिनमें मेट्रीमोनियल प्रोफाइल्स, चैट हिस्ट्री और ट्रांजैक्शन डेटा शामिल है।
- जांच में खुलासा हुआ कि आरोपी ने कई राज्यों की महिलाओं को अपने जाल में फंसाया:
- तेलंगाना, आंध्र प्रदेश, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, उत्तर प्रदेश, दिल्ली, पंजाब, उत्तराखंड और पश्चिम बंगाल
- कई के साथ शादी की, कई से भारी रकम ऐंठी
- संभावित रूप से बची हुई कई महिलाएं भी इस नेटवर्क में फंसी हैं
डिजिटल साक्ष्यों की जांच
पुलिस अब आरोपी के मोबाइल और लैपटॉप की डिजिटल फॉरेंसिक जांच कर रही है। इसमें महिलाओं के साथ बातचीत और ट्रांजैक्ट हुई धन राशि की जांच हो रही है। संभावना जताई जा रही है कि इससे और पीड़ित सामने आ सकते हैं।पुलिस की सतर्कता और अपील
वाराणसी पुलिस ने मीडिया को बताया कि आरोपी के पास कई स्थलों में पहले से प्रकरण दर्ज हैं, लेकिन उसका कब्जा नहीं हो पाया था। एसपी रामेश वर्मा ने कहा कि “वह बेहद मासूमियत भरे अंदाज़ में बातचीत करता था… लेकिन यह एक ख़ूँख़ार ठग साबित हुआ। हम अब सभी पीड़ित महिलाओं से अपील करते हैं कि वह तुरंत चितईपुर थाना या अन्य निकटतम थानों में संपर्क करें।”अभियुक्त पर दर्ज धाराएं
- खानापूर्ति धोखाधड़ी
- महिला उत्पीड़न
- फर्जी दस्तावेज का प्रयोग
- धमकी और तनाव का उत्प्रेरण
- अन्य प्रासंगिक धाराें (300, 420, 506)
सामाजिक-संवैधानिक संदेश
यह मामला यह स्पष्ट करता है कि केवल विश्वास करना खतरनाक हो सकता है, खासकर तब जब चेहरे पर फर्जी सरकारी पहचान हो। जागरूक रहना आवश्यक है क्योंकि अपराधी जाली पहचान से मानसिक और आर्थिक दबाव भी बना सकते हैं।आवश्यक सावधानियाँ
- डिजिटल रिश्तों पर भरोसा न करें – जांच करें
- सेना/NSG जैसे संगठनों के नाम का दुरुपयोग अक्सर होता है
- कानूनी सलाह जरूरी – संदेह होने पर एफआईआर तुरंत दर्ज करवाएं
- डिजिटल साक्ष्य संभालें – चैट, लेन-देन και फोन कॉल रिकॉर्ड करें
- पीड़ितों के लिए सहायता उपलब्ध – महिला हेल्पलाइन, साइबर पुलिस