Donald Trump on FCPA: डोनाल्ड ट्रंप ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आने से एक दिन पहले ही एक बड़ा फैसला लिया है। दरअसल डोनाल्ड ट्रंप ने उस FCPA कानून को निरस्त कर दिया है जिसके तहत अभी दो महीने पहले भारत के बिजनेस टाइकून गौतम अडाणी (Gautam Adani) पर अरबों रुपए की धोखाधड़ी की आरोप लगाया था। डोनाल्ड ट्रंप ने कहा है कि इस कानून को लागू करने के बाद से पूरी दुनिया अमेरिका (USA) पर हंस रही है। अब डोनाल्ड ट्रंप ने इस कानून को निरस्त करने वाले कार्यकारी आदेश पर हस्ताक्षर कर दिए हैं।
न्यूज एजेंसी रॉयटर्स की रिपोर्ट ने बताया कि इस आदेश के मुताबिक अमेरिकी न्याय विभाग (DOJ) को निर्देश दिया गया कि वो अपने देशों में व्यापार बनाए रखने की कोशिश करते हुए विदेशी अधिकारियों को रिश्वत देने के आरोपी अमेरिकियों के उत्पीड़न को रोकें। इसके साथ ही ट्रम्प के नए आदेश में लगभग 50 साल पुराने विदेशी भ्रष्ट आचरण अधिनियम (FCPA) पर रोक लगा दी गई है। इसके अलावा अटॉर्नी जनरल पाम बॉन्डी को इस कानून से जुड़े वर्तमान और पिछले फैसलों की समीक्षा करने और इसके प्रवर्तन के लिए नए दिशानिर्देश बनाने का आदेश दिए गए हैं।
इस कानून के लिए अमेरिका पर हंस रही है दुनिया- डोनाल्ड ट्रंप
अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप (Donald Trump on FCPA) ने ओवल ऑफिस में नए आदेश पर साइन करते हुए कहा कि इस कानून के निरस्त होने के बाद अमेरिका में बहुत ज़्यादा व्यापार होने वाला है। उन्होंने कहा कि वो अपने पहले कार्यकाल के दौरान ही FCPA को खत्म करना चाहते थे। डोनाल्ड ट्रंप ने कहा कि ये एक भयानक कानून है, और इसे लागू करने के लिए दुनिया अमेरिका पर हंस रही है।
क्या है FCPA कानून
बता दें कि FCPA यानी विदेशी भ्रष्ट आचरण अधिनियम 1977 में लागू किया गया था। ये कानून अमेरिकी कंपनियों को विदेशी अधिकारियों को रिश्वत देने से रोकता है। समय के साथ ये कानून अमेरिकी कंपनियों के लिए दूसरे देशों में काम करने के तरीके के लिए एक मजबूत आधार बन गया था लेकिन अब ट्रंप ने इसे निरस्त कर दिया है।
ट्रंप का कहना है कि अगर कोई अमेरिकी किसी विदेशी देश में जाता है और वहां कानूनी रूप से या अन्यथा व्यापार करना शुरू करता है, तो इसकी जांच और अभियोग की गारंटी लगभग तय है और कोई भी इस वजह से अमेरिकियों के साथ व्यापार नहीं करना चाहता।
गौतम अडाणी पर तय हुए थे आरोप
गौर करने वाली बात ये है कि अडाणी समूह के चेयरमैन गौतम अडाणी (Gautam Adani) पर सोलर प्लांट से जुड़े कथित 2200 करोड़ रुपए की रिश्वतखोरी के मामले में इसी FCPA कानून के तहत आरोप लगे थे। अमेरिकी न्याय विभाग (DOJ) ने पहले दावा किया था कि गौतम अडाणी, उनके भतीजे सागर अडाणी और उनके 6 साथियों ने निवेशकों के वित्तपोषित कॉन्ट्रैक्ट के बदले भारतीय अधिकारियों को 250 मिलियन डॉलर से ज्यादा देेने का वादा किया था, जिनमें से कुछ अमेरिकी हैं। हालांकि इन आरोपों को गौतम अडाणी ने निराधार बताते हुए खारिज कर दिया था और कहा था कि वे इस मुद्दे पर कानूनी रूप से लड़ेंगे।
12-13 फरवरी को अमेरिका का दौरा करेंगे पीएम मोदी
बता दें कि अमेरिका का ये फैसला प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के अमेरिका दौरे से ठीक एक दिन पहले लिया गया है। 12 और 13 फरवरी को पीएम मोदी अमेरिका में रहेंगे और यहां पर अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से वे मुलाकात कर द्विपक्षीय बैठकें करेंगे।